बैतूल। जब तक गांवो का विकास नही होता तब तक भारत का विकास संभव नहीं, हम सबको भारत के विकास के लिए आगे आना होगा। भारत चेतना पद यात्रा आज रूकी है। लेकिन विचार यात्रा आज से शुरू हुई है। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि मुझे सौ युवा मिल जाए तो भारत की तकदीर बदल दूंगा। इस तरह के ऊर्जावान युवा बैतूल में है जिनके अथक प्रयासों से चेतना पद यात्रा सफल हुई है। मैंने ग्रामीण अंचलो में पहुंच कर किसानों से चर्चा की। उनके विचार एवं कठिनाईयों को मैने जाना। ग्रामीण किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है। जिले से निकलने वाली मॉ ताप्ती नदी का इतिहास भारतीय सभ्यता के इतिहास से ही जुड़ा हुआ है और यह अत्यन्त प्राचीन नदी है। उक्त बातें गुरूवार नेहरू युवा केन्द्र में आयोजित भारत चेतना यात्रा के समापन अवसर पर युवा संत विवेक जी ने कही।
अपने उद्बोधन में विवेक जी ने यह भी बताया कि चेतना यात्रा तो आज यहां रूकी है लेकिन वैचारिक यात्रा निरंतर चलती रहेगी। संत तुकोजीराव महाराज ने कहा था कि भारत के विकास को कोई भी कदम गांव के विकास के बिना पूरा नहीं हो सकेगा। भारत के 70 प्रतिशत ग्रामीण किसान, मजदूर भारत के मुख्य धारा का हिस्सा नहीं बनेंगे तब तक भारत का विकास नहीं होगा। ग्रामीण विकास के लिए ग्रामीण विकास के लिए प्रयास करने वालो का गांव के विकास की धारा से संबंध जुड़ा न होने से हम अब तक विकास में असफल हुए है। मैं संबल देकर लोगो को आध्यात्मिक रूप से आगे बढ़ाना चाहता हूं।
भारत के धर्म दर्शन संस्कृति के विचार इतिहास का हमें संरक्षण संवर्धन करना होगा। 14वीं एवं 15वीं शताब्दी में शहरी क्षेत्रो का विकास हुआ है। हजारो लाखो सालो की भारतीय सभ्यता संस्कृति में हमें संवाद स्थापित करना होगा। संस्कृति के हर पहलु को हमे जागरूक करना होगा। ग्रामीण किसान मजदूरो की समस्याओं को पहचान करनी होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में भारत की आत्मा बसी है आत्मा के वंसज को शरीर की अनुभूति देनी होगी। यात्रा के अंतिम दिन चेतना पदयात्रा ने नगर का भ्रमण किया इस दौरान जगह-जगह यात्रा का जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों ने भव्य स्वागत किया। समापन कार्यक्रम में बबला शुक्ला, हेमंत वागदे्र, हेमंत पगारिया, पंकज जोशी, अमित भारती, सोनू अवस्थी, शैलेश्वरराव गायकवाड़ प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इसके अलावा भाजपा एवं कांगे्रेस के जनप्रतिनिधि एवं कार्यकर्ता एवं पत्रकार एवं सैकड़ो की संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। कार्यक्रम के समापन अवसर पर आनंद ही आनंद के पंकज जोशी ने पदयात्रा के सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।