देश भर के पांच सौ से अधिक जोड़े एक साथ करेंगे करवा देवी की पूजा
सभी जोड़ों के लिए पूजन सामग्री और भोजन की निशुल्क व्यवस्था
बैतूल। देश में शायद यह पहला मौका होगा जब 5 सौ से अधिक जोड़े करवा चौथ की पूजा सामूहिक रूप से करेंगे और यह होने जा रहा है देश के पांचवे धाम श्री रूकमणि बालाजी मंदिर बालाजीपुरम बैतूल में। यहां हर साल की तरह इस साल भी सामूहिक करवा चौथ की पूजा का आयोजन कल शुक्रवार 30 अक्टूबर को किया जा रहा है। इसी आयोजन में सैंकड़ों जोड़ों के शामिल होंगे और उनके पूजन-भोजन-आवास आदि की निशुल्क व्यवस्था बालाजीपुरम प्रबंधन द्वारा की गई है। सभी जोड़ों को शाम को 6 बजे संध्या आरती में शामिल होना होगा। संध्या आरती के तुरंत बाद करवा चौथ की पूजा शुरू हो जाएगी।
इस संबंध में बालाजीपुरम के मु य पुजारी असीम पंडा स्वामी ने बताया कि मंदिर प्रबंधन द्वारा कोशिश की जाती है कि भारतीय संस्कृति के त्यौहार अपने मूल स्वरूप में विद्यमान रहें और पंरपरागत तरीकों से मनाए जाते रहें।
इसी कड़ी में करवा चौथ का त्यौहार भी सार्वजनिक रूप से मनाने की परंपरा है। इसके लिए गुजरात के अहमदाबाद से इस पूजन के विशेषज्ञ पंडितों को बुलाया जाता है और वो ही सामूहिक रूप से यह पूजन करवाते हैं। पंडित स्वामी ने बताया कि अभी तक करीब पांच सौ जोड़ों ने इस पूजा में शामिल होने के लिए पंजीयन कराया है। इसमें बैतूल जिले के अलावा आसपास के अन्य जिलों से लोग आ रहे हैं। साथ ही प्रदेश के बाहर महाराष्ट्र,गुजरात और राजस्थान के कई जोड़े भी इस करवा चौथ की पूजा में शामिल होने आ रहे हैं। बाहर से आ रहे जोड़ों के लिए आवास की व्यवस्था मंदिर के भक्तनिवास में निशुल्क की गई है। इसके अलावा सभी जोड़ों को पूजन सामग्री की व्यवस्था भी मंदिर प्रबंधन के द्वारा निशुल्क की गई है।
एक थाली में ही भोजन करेंगे दंपत्ति: पंरपरानुसार जहां पत्नी अपने पति की लंबी आयु के लिए दिन भर व्रत रखती है वहीं चांद दिखने के बाद पति-पत्नी एक ही थाली में भोजन करेंगे। पति स्वंय सबसे पहला निवाला पत्नी को अपने हाथों से खिलाकर उसका व्रत तोड़ेगा। सभी दंपत्तियों के लिए सुस्वादु भोजन की व्यवस्था भी निशुल्क की गई है।
सभी दंपत्तियों से पूजन में आने की अपील: बालाजीपुरम संस्थापक सेम वर्मा ने करवा चौथ की पूजा करने वाले सभी दंपत्तियों से बालाजीपुरम आकर सामूहिक पूजा में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि कोई भी दंपत्ति अपने पूरे परिवार के साथ यहां आकर पूजा में शामिल हो सकता है।