बैतूल। विकासखंड भीमपुर में ग्रामीणों को शासन की योजना का पूरा-पूरा लाभ प्राप्त होने के लिए शासन द्वारा ग्रामों के पंचायत सचिवों द्वारा ग्राम सभा को आयोजित करने के लिए निर्देश जारी किए जाते हैं। इसके लिए शासन अपना निर्धारित एजेंडा बनाकर प्रत्येक पंचायत सचिवों को देता है लेकिन ग्राम पंचायत सचिव द्वारा खुद का एजेंडा तैयार कर ग्राम सभा अपने तरीके से लेकर कागजी खाना पूर्ति कर शासन को तथा ग्रामीणों को गुमराह किया जाता है। ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत पातरी में 28 अगस्त 2011 की ग्राम सभा का देखने को मिला जिसमें पंचायत सचिव द्वारा शासन के 16 बिंदुओं पर ग्राम सभा की कार्यवाही नहीं कर उनसे हटकर अपने 9 बिंदु तैयार कर मनमर्जी से ग्राम सभा की कार्यवाही की। इसके पीछे पंचायत सचिव का अपना व्यक्तिगत स्वार्थ जुड़ा हुआ था। इसलिए उनके द्वारा अपने पद का खूब दुरूपयोग किया गया। उनके द्वारा अपनी पंचायत में कार्यरत अन्य कर्मचारियों के खिलाफ भी झूठे-झूठे प्रस्ताव बनाकर उनको अपनी पंचायत से हटवाया गया तथा अपने करीबी रिश्तेदारों को उनकी जगह जनपद अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, बीएसी की मदद से नियुक्ति करवा ली।
अधिकारीगणों के द्वारा भी आंख मूंदकर पंचायत के पारित कागजी प्रस्ताव पर अमलकर पूरा-पूरा सहयोग किया गया। इन फर्जी प्रस्तावों पर जनपद के अधिकारियों के द्वारा की गई कार्यवाही से कुछ कर्मचारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इसके लिए प्रताडि़त कर्मचारी सोहनलाल राठौर ने 17 जून 2015 को एक शिकायत कर जांच की मांग की थी। जांच की कार्यवाही खंड पंचायत अधिकारी से करायी गयी। जिसमें ग्राम सभा होना नहीं पाया गया। सिर्फ ग्राम सभा का दिखावा जरूर किया गया। एजेंडे के अनुसार प्रस्तावों पर चर्चा व निर्णय पारित नहीं होना पाया गया तथा ग्राम सभा में 1 से 6 तक प्रस्ताव पारित उपरांत अंत में अध्यक्ष, नोडल अधिकारी एवं ग्राम सभा सचिव के हस्ताक्षर भी नहीं होना पाया गया। निष्कर्ष के रूप में तत्कालीन पंचायत सचिव, वर्तमान पंचायत सचिव खामापुर लक्ष्मण मवासे पूर्ण रूप से दोषी होना पाया गया है। इस जांच प्रतिवेदन के आधार पर शिकायतकर्ता ने न्याय प्रदान कर क्षतिपूर्ति कराने हेतु कलेक्टर तथा सहायक आयुक्त को देकर 5 इंक्रिमेंट रोकने के आदेश को निरस्त करने का निवेदन किया है।