बैतूल। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बैतूल की लापरवाही इससे स्पष्ट झलकती है कि विकासखंड चिचोली के आहरण अधिकारी द्वारा समय सीमा में पीपीएफ की राशि आवेदक सहायक शिक्षक सोहनलाल राठौर के खाते में नहीं जमा की थी जिसकी जांच की जिम्मेदारी सहायक आयुक्त बैतूल को सौंपी थी। कार्यालय कलेक्टर बैतूल द्वारा 7074 बैतूल दिनांक 14 अगस्त 2015 के द्वारा एक सप्ताह में जांच प्रतिवेदन मांगा था लेकिन इसके बाद लगातार पांच-पांच स्मरण पत्र देने के बाद भी सहायक आयुक्त द्वारा आहरण अधिकारी डीके शर्मा चिचोली की जांच नहीं करना उन्हें संरक्षण प्रदान करने जैसा कदम है।
सहायक आयुक्त ने स्वयं जांच करने की बजाय चिचोली विकासखंड के अन्य आहरण अधिकारी को जांच के आदेश कर उनके जांच प्रतिवेदन पर अपनी एक तरफा टिप्पणी लिखकर प्रेषित करना शिकायतकर्ता के साथ अन्याय पूर्ण कार्यवाही है। इस अन्यायपूर्ण कार्यवाही की शिकायत आयुक्त नर्मदापुरम और कलेक्टर बैतूल से शिकायत कर्ता के द्वारा शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।
इस पर कार्यालय कलेक्टर बैतूल द्वारा क्रमांक 829 दिनांक 29 जनवरी 2016 जारी कर सहायक आयुक्त बैतूल से शिकायत में उल्लेखित तथ्यों की बिंदुवारजांच कर तथा नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कर वस्तु स्थिति का जांच प्रतिवेदन अपने अभिमत सहित एक सप्ताह के भीतर कार्यालय कलेक्टर को भेजने का कष्ट करने के निर्देश दिए गये है लेकिन एक सप्ताह बीतने के बाद भी सहायक आयुक्त द्वारा अपने अभिमत के साथ जांच प्रतिवेदन नहीं भेजा गया है।
शिकायकर्ता के कथन लिए बिना जांच पूरी किसी दूसरे अधिकारी से कराना जांच की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। सहायक आयुक्त की उदासीनता से जांच किसी वरिष्ठ उ”ा स्तर के अधिकारी की करायी जानी चाहिए। शिकायत कर्ता के कथनों को भी जांच में स्थान दे सकें।