बैतूल। मप्र यूनाईटड फोरम पावर इम्पलाईज एवं इंजीनियर्स के तत्वावधान में बिजली कंपनियों के समस्त मप्र से संविदाकर्मी अपनी नियमितिकरण की मांगों को लेकर एकत्रित हुए। मप्र की सभी बिजली कंपनियों में लगभग 7 हजार संविदा कर्मी विगत 5 वर्षो से कार्यरत है और विधानसभा चुनाव 2013 के पूर्व भाजपा के घोषणा पत्र में भी इन कर्मियों को नियमित करने की घोषणा की गई थी, नियमित करना तो दूर इन्हें धीरे-धीरे नौकरियों से निकाला जा रहा है।
फोरम द्वारा उक्त विषय में 30 अगस्त 2015 को उर्जा सचिव के साथ हुयी बैठक में चर्चा हुयी जिसमें सचिव द्वारा मौखिक एवं लिखित आश्वासन दिए गए थे किसी भी बिजली कंपनियों के संविदा कर्मियों को अब नहीं निकाला जाएगा एवं इनके लिए एक नीति बनायी जाएगी धीरे- धीरे इन्हे नियमित किया जाएगा। परन्तु शासन एवं विभाग द्वारा कर्मियों के साथ लगातार वादाखिलाफी की जा रही है जबकि ये कर्मी अपनी पूरी मेहनत और ईमानदारी से वो भी आधे वेतनमान पर नियमित कर्मियों के समान कार्य कर रहें हैं। यदि 10 मार्च तक शासन एवं विभाग द्वारा इनके लिए बनायी गयी नियमितिकरण की नीति लागू नहीं की जाती है तो 11 मार्च से समस्त मप्र के संविदाकर्मी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर रहेंगें। ज्ञापन सौंपने वालों में उमाकांत डिगरसे, निलेश पंवार, दिलीप लोखंडे, सागर श्रीवास, सारिका, अरूण अहिरवार, महेश दुले, ब्रजेश कुमार, अभय तिवारी, नंदकिशोर रघाड़े आदि शामिल थे।