बैतूल। ज्ञानी और विद्वान व्यक्तियों के संपर्क से सदैव ही मनुष्य में दानशीलता एवं अहिंसा की भावना और ज्ञान की वृद्धि होती है। सत्संग सदा ही मनुष्य का उद्धार करता है। सत्संग के कारण बड़े-बड़े पतित व्यक्ति भी नरकीय जीवन से ऊंचे उठकर स्वर्गिक जीवन को प्राप्त होते है। उक्त उद्गार श्री शर्मा ने युवा साहू समाज सेवा संगठन के तत्वाधान में रामलीला मैदान में छटे दिन व्यक्त किए। श्री शर्मा ने कहा सज्जन पुरूषों का संग पाकर मुर्ख आदमी सुधर जाता है। कालीदास इतना बड़ा मुर्ख था कि जिस डाल पर बैठा थ उसी को काट रहा था। विषयों के कीचड़ में फंसे हुए तुलसी दास भी अपनी स्त्री के सत्संग से ही महात्मा तुलसी दास बने। अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए हम अच्छे बुरे कार्य करते है।
क्या इससे हमारी इच्छाएं शांत होती है? नहीं एक के बाद एक हमारी इच्छाएं हनुमानजी की पंूछ की भांती बढ़ती जाती है। जबकि हमारी समस्त इच्छाएं परमानंद की प्राप्ती में ही होनी चाहिए। इन्द्रियों का नियंत्रण स्वर्ग का द्वार है। यहीं ईश्वर की सच्ची उपासना है। इसी से जीवन में सुख शांति और उल्लास का वातावरण बनता है। इंन्द्रियां वश में न हो तो अशांति और अंधकार छा जाता है तथा मनुष्य नर्कवासी बन जाता है। जो संत महात्मा गुरूजन और समाजसेवी लोगो को उन्नति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते है। उनमें प्रचंड आत्म बल और ईश्वर कृपा की अद्भुत शक्ति होती है। ईश्वरीय शक्ति प्राप्त संत का सहारा जीवन में लेना चाहिए। ईश्वर सर्वज्ञ, सर्वव्यापक और ज्ञान का स्त्रोत है। ह्रदय में परमात्मा की ज्योति जलाने से मनुष्य पवित्र धार्मिक, ओजस्वी, तेजस्वी होता है। परमात्मा के सानिध्य में जीवन में सदगुण आते हैं। 25 दिसम्बर दिन मंगलवार को श्रीमदभागवत कथा के समापन के पश्चात साहु समाज का राष्ट्रीय युवक युवती परिचय सम्मेलन रामलीला मैदान बैतूल गंज में होगा।
श्रीमद भागवत कथा का समापन आज- युवा साहू समाज सेवा संगठन के तत्वाधान में विगत 6 दिनों से जारी भागवत कथा का आज दिनांक 24 दिसम्बर दिन सोमवार को समापन होगा। गोपाल साहू ने बताया कि इस अवसर पर आज प्रात: 9 बजे से विश्व शांति के लिये यज्ञ-हवन होगा एवं 2 बजे से पांच बजे तक कथा होगी। समापन के बाद 25 दिसम्बर को दोपहर में महाप्रसाद वितरण का आयोजन किया जाएगा।