मृत्यु भोज की जगह किये पौधे वितरित
शिक्षक ने पेश की मिशाल
बैतूल। गत दिवस ग्राम पूसली में आयोजित स्वर्गीय बटनी बाई हारोड़े के निधन पश्चात श्रद्धांजली कार्यक्रम में परिजनों द्वारा जागरूकता की मिशाल पेश करते हुऐ लोगों को फलदार एवं छायादार पौधे वितरित किये। पौधे वितरण से पर्यावरण के प्रति सचेत रहने का तो संदेश है ही साथ ही मृत्यु भोज जैसी कुप्रथा का ये सांकेतिक विरोध भी है। कार्यक्रम में उपस्थित समाजसेवी मदनलाल डढोरे ने इस अवसर पर आऐ मेहमानों को पौधे वितरित करते हुये कहा कि मृत्यु भोज समाज के बौद्धिक विकास में बाधक है। इससे समाज का विकास अवरूद्ध हो जाता है। हम सबको आगे आकर इस कुप्रथा को समाज से मिटना होगा। साथ ही आये अनेक ग्रामीणों ने इस पहल की सरहाना करते हुये स्वागत किया। इस अवसर पर क्षेत्र के स्थानीय जनप्रतिनिधी एवं आसपास के ग्रामों से अनेक लोग उपस्थित थे। जिसमें तिलक सोलंकी, शिवली खाकरे, जूगरू झपाटे, भिखारी नरवरे, दयाराम धाकड़े, सावन डढोरे आदि प्रमुख है।
बची राशि मंदिर निर्माण में की जावेगी दान
स्वर्गीय बटनी बाई हारोड़े के पूत्र रमेश कुमार हारोड़े (शिक्षक) ने बताया कि अगर हम तेरव्ही करते तो लगभग 1 लाख रूपये तक खर्च आ जाता इसके स्थान पर हमने उसी राशि को पौधे वितरण में किया एवं इसके बाद जो धनराशि बची है उसे मंदिर निर्माण में दे दिया जावेगा। किराड़ समाज की इस पहल का स्थानीय बुद्धिजीवियों ने प्रशंसा की है।