बैतूल। केन्द्र व रा’य सरकार द्वारा हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की घोर उपेक्षा करते चली आ रही है। हम लोगो की न्यायसंगत मांगो को लेकर विगत कई वर्षो से आंदोलनरत है परंतु सरकार में बैठ जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की जू नही रेंगती दिखाई देती है हम एक ऐसे महत्वपूर्ण विभाग में कार्यरत रहकर अपनी सेवाऐ दे रही है जिसका शासन समाचार पत्रो व टीवी पर पर महिला एवं बाल विकास विभाग का प्रचार प्रसार करती चली आ रही है व जनता को आंगनवाड़ी केन्द्रो से जुडऩे व उसके लाभ लेने का दम भरती है। उक्त बातें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता संघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बैतूल प्रवास के दौरान अपने ज्ञापन में कही। इस संबंध में प्रदेशाध्यक्ष सुनीता राजपाल ने बताया कि महिला एवं बालविकास विभाग के अंतर्गत आईसीडीएस योजना जो यूनिसेफ की सहायता से 1975 में देश के उन आदिवासी पिछड़े क्षेत्रों में जहॉ कि गरीबी, भूखमरी के साथ कुपोषण की समस्या से ग्रसित क्षेत्रों के भारत सरकार द्वारा संचालित की गई थी जो धीरे-धीरे अब जो देश के लगभग सभी प्रदेशो व जिलो में संचालित है।
जब आईसीडीएस परियोजना संचालित हुई थी उस समय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं की भर्ती में सेवा शर्ते की आपलोगो को ग्रामीण क्षेत्र के ग्राम में एक वर्ष से 6 वर्ष के ब’चो को पाषण आहार वितरण करना व गर्भवती धात्री महिलाओ को भी पोष्टीक भोजन जो यूसेफ से प्रदाय थ उसे वितरण करना धीरे-धीरे योजना में सुधार लाते हुए पोषण आहार के साथ साथ जो ब’चे स्कूल नही जाते उनको स्वास्थ्य विभाग की सहायता से टीकाकरण स्वास्थ्य परिक्षण जिसमें गर्भवती महिलाऐ, धात्री (जो ब’चो को जन्म देती है) उन माताओं का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण करवाना, टीकाकरण करवाना आदि कार्य प्रारंभ किये गये साथ ही किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य परीक्षण व उनको उनके स्वास्थ्य के संबंध में नियमित सलाह देना व स्वास्थ्य परीक्षण देना शामिल किया गया है।
बाद में ग्राम के लोगो का भी स्वास्थ्य परीक्षण करवाना मलेरिया बुखार आदि का इलाज करवाना व परिवार नियोजन पल्सपोलियों का कार्य हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से कराया जने लगा अब शासन द्वारा आशाकार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गई जिनसे स्वास्थ्य संबंधित कार्य कराये जाने लगे है परंतु हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से अब इतने अधिका कार्य लिये जाते है जिसकी कल्पना आप किसी ने नही की होगी। निर्वाचन का कार्य, जनगणना, सामाजिक आर्थिक जनगणना, गरीबी रेखा सर्वे, विकलांग सर्वे, शौचालय की गणना लक्ष्य दम्पत्ति सर्वे, स्व’छा दूत, शौर्यदल का गठन कराना, महिला मंडलो का गठन कराना, निर्मल भारत अभियान स्व’छता के प्रति लोगो को जागरूक करना, कुॅओ की गणना करना तथा स्व’छ पेयजल लोगो को उपलब्ध हो इसलिए कुॅओ व हैण्डपंपो में दवाई डलवाना, मतदाता सूची का कार्य पल्सपोलियो के साथ साथ लाड़ली लक्ष्मी योजना का सफल क्रियान्वयन कराया जाता है।
इसके साथ साथ मिशन मोड़ के तहत् 12 से 15 रजिस्टरो का संधारण करना उसके अलावा परियोजना व सेक्टर स्तर की समय-समय पर बैठको में भाग लेना इनके अलावा शासन व स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभागो की बैठको में भाग लेना हैं। हमे अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए दु:ख होतो है कि हमे सुबह 9 बजे से लेकर 4 बजे तक आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन करना व उसके बाद ग्राम में ग्रह भेट देना फिर घर में बैठकर रजिस्टरो का संधारण (रिपोर्ट) तैयार करना आदि कार्य करने पड़ते है हम परिवार को ठीक से समय भी नही दे पाते है शासन द्वारा हमारे कार्यो का मूल्यांकन कर वर्तमान में इस भीषण मंहगाई के दौर में केन्द्र सरकार द्वारा हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 3000/- रूपये सहायिकाओं को 1500 रूपये मानदेय के रूप में दिया जात है विगत कुछ वर्षो से रा’य सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि के रूप में अतिरिक्त मानदेय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 2000 रूपये सहायिकाओं को 1000 रूपये जो कुल कार्यकर्ता को 5000 रूपये और सहायिकाओं को 2500/- दिया जाता है क्या यही हमारे कार्यो का मूल्यांकन है एक ओर शासन-प्रशासन में बैठै अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग का गठन कर समय समय पर उनका वेतनमान निर्धारण कराया जाता है चौथा,, पांछवा, छटवा वेतनमान देने के बाद अब सातवे वेतनमान देने की सिफारिश को शासन द्वारा पूर्ण की जा रही है यहा तक कि केन्द्र व रा’य सरकार में बैठे सांसद विधायको केे वेतन को लेकर भी विधान सभा व लोक सभा में समिति का गठन कर समय समय पर उनकी सिफारिशे मानकर उनके वेतन भत्ते आदि की बढ़ोत्तरी की जाकर जन्ता के गाड़े कमाई जो टेक्स के रूप में प्राप्त होती है उसका दोहन किया जा रहा है साथ ही इन्हे जीवन भर पेंशन व रेल यात्रा फ्री है इसके लिए पक्ष विपक्ष के सारे नेता बगैर किसी बहस के संसद व विधान सभा में पास कर लिया जाता है आखिर एैसा क्यो ? मप्र में मार्च 2012 के विधान सभा सत्र में बगैर किसी चर्चा के 15 मिनट में प्रस्ताव पास हो गया जिसमें विधायाको का सत्तकार भत्ते 38 से 67 प्रतिशत, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 59 प्रतिशत, दैनिक भत्ता 50 प्रतिशत के अलावा पेंशन चिकित्सा भत्ते में 100 प्रतिशत की बढ़ौतरी की गई इसके पूर्व जून 2010 में भी विधायको के वेतन व भत्तो में बढ़ौत्तरी की गई।
अब हॉल ही में फरवरी 2016 के बजट सत्र में 67 प्रतिशत वेतन वृद्धि पेंशन भत्ते बढ़ाने जा रही है। लोक तंत्र में विधायक सांसद जनप्रतिनिधि कहलाते है जिन्हे जनता अपने वोटो से चुनती है संसद विधान सभा में जाकर जनता के हित में कानून बनाने का काम करना होता है परंतु ऐसा कुछ होता नही वे वहा पर जनता के द्वारा मिले अधिकारो का दूरूपयोग कर अपने हितो में कार्य करना अधिक पसंद करते है। सांसदो का भी इस बजट सत्र में दोगूना वेतन होने जा रहा है क्या यह उचित है। हमे कहते हुए शर्म आती है सांसदो एवं विधायको के उपर जनता की गाड़ी कमाई का पैसा खर्च होता है उसकी कल्पना से हमे अत्यंत दु:ख होता है सांसदो का मासिक वेतन 12000 सवैधानिक खर्च 10000 रूपये, ऑफिस खर्च, 14000 रूपये, यात्रा भत्ता 8 रूपये प्रति किलोमीटर (माह में 48 हजार किलोमीटर) संसद सत्र में टीएडीए 500 प्रतिदिन, इसके साथ साथ समूचे भारत वर्ष में रेल यात्रा फ्री परिवार सहित, 40 ट्रिप हवाई यात्रा फ्री परिवार के साथ व पीए. दिल्ली में होटल किराया फ्री, बिजली बिल घर का 50,000 यूनिट फ्री घर का, टेलिफोन कॉल 1,70,000 कॉल फ्र ी, टोटल खर्च एक वर्ष में 32 लाख का एक सांसद पर होता है जो अब डबल होने जा रहा है।
जीवन भर पेंशन सुविधा एव रेल यात्रा फ्री। हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के लगातार चलते आ रहे आंदोलन के तहत् केन्द्र सरकार ने 2012 में संसद के सांसदो की एक समिति का गठन किया जिसनेे सिफारिश की थी कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं द्वारा ब’चो के स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे महत्वपुर्ण कार्यो व अपने अमूल्य योगदान को देखते हुए सरकार द्वारा जो मानदेय में वृद्धि की गई उसपर अपसोस जाहिर करते हुए सिफारिश की थी कि मानदेय प्रतिवर्ष बढ़ाने के साथ साथ मंहगाई भत्ता, वेतन वृद्धि जैसे लाभो को जोडक़र देनेे व पेंशन सुविधा देने की सिफारिश की थी परंतु आज तक लोक सभा व रा’य सभा में हमारे प्रतिनिधियों ने चर्चा तक नही की गई न ही उसे पास कराया। महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2013 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को एकमुश्त पेंशन योजना (ग्रे’युटी) 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर कार्यकर्ता को 2,00000 दो लाख रूपये एक मुश्त उससे अधिक सेवा पर 5 हजार रूपये प्रतिवर्ष सहायिकाओं की 20 वर्ष की सेवा पर्ण करने पर 1,50,000 रूपये व 20 वर्ष की सेवा के उपर 3750 रूपये प्रतिवर्ष दिये जा रहे है। पंबाज प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मृत्यु पर उनके आश्रित बेटी या बहू को योग्यता अनुसार कार्यकर्ता व सहायिका के पद पर नियुक्ति। छत्तिसगढ़ सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की मृत्यु पर अन्त्येष्ठी के लिए 10000 रूपये की सहायता, पंजाब व छत्तिगढ़ सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन अवकाश, कार्यकर्ता सहायिकाओं को बदल-बदल कर 15-15 दिन कर दिये जाते है।
यह सुविधाऐ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नही दी जा रही है। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने 2012 के विधान सभा चुनाव के पूर्व जन आर्षिवाद यात्रा के दौरान झाबुआ जिले में एक जन सभा में घोषण की थी की प्रदेश में भाजपा की तीसरी बार सरकार बनाने में आप लोग सहयोग करे आप लोगो का मानदेय कार्यकर्ता का 12000 रूपये, सहायिका 6000 किया जाये गा परंतु उस पर अमल नही किया गया। यह दुख का विषय है। प्रदेश में अतिकुशल मजदुरो की मजदुरी 9700 रूपये निर्धारित की गई परंतु कार्यकर्ता को मात्र 5000रूपये सहायिका को 2500 रूपये जो मानदेय दिया जाता है जो मजदुरो से भी बदतर हमारा क्या स्तर हैै ? हमारे साथ हो रहे शोषण अन्याय के चलते श्रम विभाग ने हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ की सेवाये न्यूनतम वेतन में अधिसुचित कर दी गई जो अकुशल श्रमिक केसमान वेतन मिलना चाहिए पेंशन सुविधा उपलब्ध होना चाहिए। परंतु केन्द्र व रा’य सरकार द्वारा हमारे साथ अन्याय करते हुए हमारी मांगो पर कार्यवाही नही करना जिसके चलते हम आंदोलनरत है।
जिसके चलते अखिल भारतीय आंगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स फडरेशन एवं सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) से संबंधित युनियनो द्वारा 15 फरवरी 2016 को दिल्ली के जन्तरमन्तर पर विशाल धरना प्रदर्शन कर केन्द्र सरकार को मांगो के लेकर ज्ञापन दिया जिसमें आस्वस्त किया कि आप लोगो की मांगो को पूरा किया गया। अगर 29 फरवरी को आनेवाले बजट में हमारी मांगो को उचित स्थान नही मिला तो एक मार्च को हम समूचे देश में प्रदर्शन कर देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला दहन कर विरोध प्रकट करने का काम करेगे। 8 मार्च 2016 को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस को केन्द्र व रा’य सरकार के खिलाफ धिक्कार दिवस मनाया जायेगा साथ ही प्रदर्शन कर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुडिय़ा हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं द्वारा ज्ञापन के साथ भेजी जायेगी।