बैतूल। जेएच कॉलेज में व्यक्तित्व विकास के अंतर्गत भारतीय संस्कृति के 16 संस्कार एवं वसुधैव कुटुम्बकम पर कार्यशाला प्राचार्य डॉ सतीश जैन के मार्ग दर्शन में मुख्य वक्ता प्राध्यपक एवं विभागाध्यक्ष वाणि’य विदिशा डॉ महेन्द्र जैन एवं प्राध्यापक वनस्पती शास्त्र नवीन कन्या कॉलेज डॉ मंजु जैन की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस अवसर पर डॉ महेन्द्र जैन ने कहा शिक्षा के साथ हम भारतीय संस्कृति के विचारों को भी बनाये रखें, नशाखोरी कर हम भारतीय संस्कृति की रक्षा नहीं कर सकते हैं। उन्होने कहा कि भारत अध्यात्मक भूमि है यहां आचार्यो, महाऋषियों, भगवंतों का जन्म हुआ है। डॉ मंजु जैन ने कहा कि भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बम् की भावना का विशेष महत्व है, छात्र-छात्रायें इसे जीवन में उतारें। अनुशासन, योगा, स्व’छता, समय प्रबंधन एवं सत्य बोलना को जीवन का अंग बनायें।
डॉ सतीश जैन ने कहा कि हमारी संस्कृति उ”ा मूल्यों व विचारों वाली है जो कि त्यागमयी है। संसार के लोग शांति की प्राप्ति के लिए भारत आते हैं। इस मौके पर छात्राओं ने मुख्य अतिथि से प्रश्न पूछ कर शंका समाधान किया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ अल्का पांडे, संचालन डॉ सुखदेव डोंगरे व निहारिका भावसार द्वारा व आभार डॉ रमाकांत जोशी द्वारा व्यक्त किया गया। कार्यक्रमें डॉ खेमराज मगरदे, डॉ यशपाल मालवीय,डॉ एसबी हसन, डॉ महेश मेहता, डॉ अर्चना मेहता, डॉ हेमंत वर्मा, डॉ पुष्पारानी आर्य, डॉ आभा वर्मा, डॉ ‘योति शर्मा, डॉ धमेन्द्र, डॉ विजेता चौबे, प्रो महादेव वागदे्र, प्रो गुलाब राव राने, बलिराम खातरकर, प्रो मुकुंद चंदेल, प्रो एकनाथ निरापुरे कॉलेज स्टाफ सहित छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।