इंग्लैंड के विरूद्ध भारत की मटियापलित से पूरे भारतवर्ष में मंहगाई और भ्रष्टाचार से बड़ा मुद्दा यह बन गया था कि सचिन सन्यास कब लेंगे, गोया कि जैसे इंग्लैड के सामने अकेले सचिन ही असफल रहें हो या अकेले ही सीरीज हार गये हों। खेल के नाम पर अपरिपक्व पागलपन भारत में पुराना शगल रहा है। एक ना एक दिन सभी को सन्यास लेना होता है ये मौत की तरह ही शास्वत सत्य है, लेकिन मलाल इस बात का रहेगा की बेहतर होता की सचिन को मात्र एक दिवसीय मैच का मौका (भारत-पाकिस्तान) और दिया जाता, जिससे वो मैदान पर खेलते हुए ससम्मान सन्यास लेते। यह टीस सचिन को ताउम्र सालती रहेगी।
सचिन सतत 23 वर्षो से भारतीय क्रिकेट का हिस्सा रहे, इन 23 वर्षो में सचिन देशहित में विवाद भी मोल लिये। एक बार सचिन ने बयान था कि‘मुम्बई सबकी है’ इस पर शिवसैनक आगबबुला हो गये थे। और शिवसैनिकों ने सचिन के विरोध में प्रदर्शन किये थे। हरभजन सिंह को आस्टे्रलिया में बचाने के लिये सचिन ने गवाही दी थी। उस गवाही पर गिलक्रिस्ट ने उन्हे एक किताब में झूठा करार दिया। सचिन विगत तीन दशक से रोल माडल रहे हैं, सचिन से सफलता कैसे हजम करना चाहिये ये बात नवोदित क्रिकेटर को जरूर सीखना चाहिये।
सचिन हमेशा लो-प्रोफाईल बन कर खेलते रहे। सचिन ने जो रिकार्ड बनाये वो तो दुनिया ने देखे पर सचिन के अंदर की शराफत,इमानदारी समर्पण उल्लेखनीय है। सलमान खान, संजय दत्त,विनोद कांबली,शोयब अख्तर, हरभजन जैसे नामचीन लोगों की लम्बी फेरिस्त है जो सेलीब्रिटी सटेट्स को साध नहीं पाये। दरअसल शालीनता के प्रति आग्रह सभी क्षेत्रों में होता है। सचिन को ब्राईन लारा और पोंटिग से श्रेष्ठता की लड़ाई अपने पूरे करियर में लडऩी पड़ी,इस श्रेष्ठता के द्वंद की सबसे अच्छी बात यह रही की कभी भी तीनों की ही तरफ से कोई बयान नहीं आया।
शारजांह में सचिन ने आस्टे्रलिया के खिलाफ आक्रमक पारी खेली थी, जिसमें उन्होने तेज गेंदबाजों पर स्टे्रट ड्राईव लगाकर छक्के मारे थे, जिनको उस मैच में हेनरी की कामेंटरी याद होगी उन्हे याद होगा हेनरी का चिल्ला कर
कहना वॉट ए शाट बाय लिटिल जिनियस………..सचिन तेन्दुलकर
गीत के बोल सार्थक है :-
सुन ले बेखबर, यु आंखे फे रकर, आज तू चली जा
ढूडेंगी नजर हमको मगर हर जगह
ऐसी रातों में लेके करवटे, याद हमें करना
और फिर हार कर कहना क्यों मगर, कह दिया अलविदा,अलविदा को पूछे तो जरा
क्या सोचा और कहा अलविदा
अलविदा,अलविदा, अब कहना और क्या
जब तूने कहा दिया अलविदा