बैतूल: जे.एच.कालेज के प्राचार्य डॉ. (मेजर) सतीश जैन को स्व.लक्ष्मणसिंह गौड़ स्मृति पुरस्कार प्राचार्य पद के उत्कृष्ट कार्यो के उ’चशिक्षा का सर्वो’च पुरस्कार 1 लाख रूपये नगद एवं प्रशस्ति पत्र द्वारा प्रदेश के उ’चशिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता द्वारा विभूषित करने के बाद दक्षिण एक्सप्रेस से बैतूल लौटने पर जे.एच.कालेज के प्राध्यापकों, अतिथि विद्वानों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं ने रेल्वे स्टेशन पहुँचकर ढोंल ढमाके के साथ उनका भव्य स्वागत कर उनकी अगवानी पुष्पहारों एवं गुलदस्तों से किया। उसके उपरांत अपने निवास पहुंचने के बाद कालेज परिसर में प्राध्यापकों एवं छात्रों ने उनका गरिमामय स्वागत किया। यहॉ यह उल्लेखनीय है कि डॉ.जैन जे.एच.शासकीय पी.जी.महाविद्यालय बैतूल के प्रथम प्राचार्य हैं जिन्हें म.प्र.शासन उ’चशिक्षा विभाग ने स्व. श्री लक्ष्मण सिंह गौड़ स्मृति पुरस्कार से अलंकरण समारोह में विभूषित किया है। कालेज के प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों द्वारा कालेज के सम्प्रेषण सभागृह में आपका सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
इस अवसर पर डॉ. जैन ने कहा मैं अभिभूत हँू और प्रसन्न हूँ मैं सोच रहा हूँ की 2008 में विदिशा की जगह बैतूल जे.एच.कालेज आ जाता तो बहुत अ’छा होता। उन्होंने कहा किसी भी परिस्थिति में व्यक्ति में अहंकार (अभिमान) नहीं आना चाहिये इससे व्यक्ति के पुण्य क्षय हो जाते है । उन्होंने सभी प्राध्यापकों का नाम लेकर भोपाल पहुँचने एव सम्मान समारोह आयोजित करने के लिये आभार प्रकट किया। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयं सेवक कृष्ण कुमार भारके को कालेज का हीरा बताया। पुरस्कार प्राप्त होने पर प्राचार्य ने कृष्ण कुमार भारके स्वयं सेवक का पुष्पहार से सम्मान किया। डॉ. राकेश तिवारी ने कहा डॉ.जैन का शासकीय सेवा में उत्कृष्ट योगदान रहा है इस कारण रा’य शासन ने इनको पुरस्कृत किया है। डॉ. महेष मेहता ने कहा रविन्द्र भवन भोपाल में आयोजित सम्मान समारोह ऐतिहासिक रहा। डॉ. सुखदेव डोंगरे ने कहा डॉ. जैन प्रभावी व्यक्ति एवं कृतित्व के धनी है। डॉ. रमाकांत जोशी ने भोपाल के रविन्द्र भवन से लेकर बैतूल के जे.एच.कालेज तक के स्मरण के विभिन्न दृष्यों को अपने उद्बोधन में साकार रूप से चित्रित कर व्यक्त किए।
डॉ. जैन के व्यक्तित्व के बहुआयामी पक्षो को उद्घाटित किया। कृष्ण कुमार भारके ने कहॉं जिला संगठक डॉ. सुखदेव डोंगरे, डॉ. जी.पी.साहू एवं सीनियर छात्रों के मार्गदर्षन के कारण मुझे पुरस्कार मिला है। छात्र-छात्राओं को सिर्फ मेहनत करनी चाहिये। कुछ भी प्राप्त करने के लिये अपना 100 प्रतिशत देना चाहिये। राष्ट्रीय सेवा योजना में 120 घंटे की कार्य योजना होती है मैंने पूरी कर बी एवं सी सर्टिफि केट प्राप्त किये है। डॉ. खेमराज मगरदे ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा डॉ. श्रीमती अनिता सोनी ने काव्य पंक्तियों के माध्यम से आभार प्रदर्शन किया।