स्टे्रट ड्राईव बाय सपन दुबे
वही पुरानी लत से भारत बाज नहीं आया और शतप्रतिशत कोहली पर निर्भरता के साथ भारत ने आस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफाईनल में प्रवेश कर लिया। कोहली पर इस तरह की निर्भरता घातक है जो बंग्लादेश के विरूद्ध देखने को मिली थी जिसमें कोहली के जल्दी चलते बनते के बाद मैच फंस गया था। इस मैच की कहानी में एक ‘ट्यिुस्टि’ आया है, पाकिस्तान के कुछ पूर्व क्रिकेटर आईसीसी से मांग कर रहें हैं कि भारत-बंग्लादेश मैच फिक्स था और इसकी जांच की जाये। गोया की खंबा लोचने के अलावा खिसयानी बिल्ली के पास कुछ ‘यादा नहीं होता है।
आशीष नेहरा ने विराट कोहली के दृढ़ संकल्प को लेकर पर्दे के पीछे की कहानी का खुलासा किया है कि वे सचिन तेंदुलकर की गाईडलाईन को फालो कर रहें हैं। सचिन ने उन्हें बताया कि किस तरह से इंजरी से बचा जा सकता है, डाईट चार्ट कैसा होना चाहिये, जिम में टे्रड मिल पर कैसे रनिंग बिटविन द विकेट सुधारी जा सकती है। विराट जंक फूड और फेटी फूड से दूर रहते हैं। सचिन ने कई शानदार पारियां खेली हैं लेकिन वे भी इतने बड़े मैच विनर नहीं रहें हैं, परन्तु उनके सुझाव विराट के लिए उपयोगी साबित हो रहें हैं। सचिन ने अपने अनुभव से बताया कि जो गलतियां उन्होने की है वे विराट के रूप दोहराते हुए देखना पसंद नहीं करना चाहते हैं। यही कारण है कि मुंबई मैच के दौरान विराट ने बल्लेबाजी के दौरान सचिन का सार्वजनिक अभिवादन किया था, मानो आज भी सचिन डे्रसिंग रूम में उपस्थित है।
समय का चक्र भी अद्भुत होता है विराट जिस सचिन को देखकर बड़े हुए वो मुम्बई में उनका मैच देखने खुद आया था। अब सेमीफाइनल वेस्ट इंडिज से है, वे भी ‘वन मैन आर्मी’ जैसी समस्या से ग्रसित हैं गेल चला तो मैच में रहते हैं नहीं तो अफगान भी धूल चटा देता है। वैसे गेल का इलाज रविचन्द्रन अश्विन के पास है, अश्विन ने अक्सर उनको आउट किया है। भारत के टॉप आर्डर परेशानी का सबब बने हुए हैं। कोई भी कप्तान विनिंग काम्बीनेशन को बदलता नहीं है। उम्मीद है कि मुम्बई की पिच राहित और शिखर को रास आयेगी और युवराज सिंह फिट हो जायेंगे क्योंकि युवराज एक बड़ा हीटर है और उसकी प्रसेंस विरोधी टीमें को सकते में डालती रही हैं। धोनी जिस तरह से अपने गेंदबाजों का उपयोग कर रहें हैं वह दर्शनीय है क्योंकि उनके पास सिर्फ तीन गेंदबाज हैं बाकी पार्ट टाईम गेंदबाज है जिनका वो बखूबी इस्तमाल कर रहें हैं। वेस्टइंडीज की टीम में ऑल राउंडर भरे पड़े हैं, तो मैच रोमांचक होने की उम्मीद है। एक घी के विज्ञापन में पक्तियां कुछ इस तरह है कि जूनन की आंच पर पकता है हौसला तब आता है जीत का स्वाद, क्या ये विराट के लिए लिए एकदम सटीक है?