अब तो नियमित कर दो साहब……..
मनरेगा अधिकारी-कर्मचारी संगठन ने सौपां ज्ञापन
बैतूल। मनरेगा अधिकारी कर्मचारी संगठन के तत्वाधान में आज दिनांक 31 अक्टुबर दिन बुधवार को संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण तथा अन्य लंबित समस्याओं एवं मांगों के निराकरण हेतु जिला कलेक्टर बी चन्द्रशेखर को ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन संगठन के लगभग 250 लोगो ने बैतूल के अध्यक्ष विनय डोंगरे के नेतृत्व में दिया। ज्ञापन में उल्लेख है कि मनरेगा अधिकारी एवं कर्मचारी संगठन मनरेगा योजनांतर्गत कार्यरत समस्त संविदा अमले के हितो मे कार्य करने वाला एकमात्र सबसे बडा संगठन है। वर्तमान मे मनरेगा योजनांतर्गत संविदा पर लगभग 30000 अधिकारी/कर्मचारी प्रदेशस्तर से लेकर ग्रामपंचायत स्तर तक कार्यरत है एवं समस्त योजनाओ मे लगभग 2 लाख संविदाकर्मी कार्यरत हैं। मनरेगा एवं अन्य योजनांतर्गत संविदा पर कार्यरत समस्त अधिकारियो एवं कर्मचारियो द्वारा नियमितिकरण एवं समय समय पर अन्य ज्वलंत समस्याओ के निराकरण हेतु माननीय को विगत 2 वर्षो से ज्ञापन भेजकर संविदा अधिकारियो एवं कर्मचारियो की समस्याओ के निराकरण के की मांग की जाती रही हैं। हमारी समस्याओ के निराकरण हेतु माननीय को संबोधित दिये गये ज्ञापन, पत्रो पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नही हो पाई है एवं ना ही संगठन को की गई कार्यवाही से अवगत करवाया गया बल्कि दिन प्रतिदिन अन्य गंभीर समस्याएं हम संविदा कर्मचारियो के सामने उत्पन्न हो रही है जिससे हम और अधिक मानसिक रूप से प्रताडित हुए। यहां तक कि हमारी किसी भी प्रकार की मांग मानना तो दूर बल्कि पूर्व मे स्वयं शासन द्वारा कर्मचारी हितेषी लिये गये निर्णयो को भी लागू ना किया जाकर पूर्व से दी जा रही सुविधाएं (महंगाई भत्ता, चिकीत्सा भत्ता आदि) तक हमसे छीन ली गई।
इसप्रकार शासन प्रशासन द्वारा समय समय पर हम संविदाकर्मीयो पर वज्राघात किया गया है जो इस प्रकार है-
1.जन अभियान परिषद के संविदा कर्मचारियो के नियमीतीकरण की घोषणा कर अन्य संविदा कर्मचारियो की उपेक्षा-
माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा जहां एक ओर जनअभियान परिषद के संविदा कर्मचारियो के नियमीतीकरण की घोषणा की जाकर कमेटी बनाई गई वही हम संविदा कर्मचारियो की उपेक्षा की गई है। हमारा नियमीतीकरण तो दूर माननीय द्वारा हमारी समस्याओ को भी आज दिनांक तक उपेक्षित किया गया है जबकि हमारे द्वारा माननीय को कई बार पत्र लिखे गये, 31 जनवरी 2012 को मनरेगा अधिकारी कर्मचारी संगठन द्वारा एक दिवसीय प्रदेश बंद कर माननीय विधायको, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिलाअध्यक्षो के माध्यम से हमारी ज्वलंत समस्याओ से अवगत करवाया गया इसके पश्चात् भी माननीय के द्वारा कोई उचित कार्यवाही नही की जा रही है जिसके कारण संपूर्ण संविदाकर्मी उपेक्षित होकर असंतुष्ठ हो रहे हैं।
2.महंगाई भत्ता , चिकीत्सा भत्ता बंद करना –
मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद के पत्र क्रं. 4721/एनआरईजीएस-एमपी/स्था./एनआर-2/09/भोपाल दिनांक 15.06.09 द्वारा मनरेगा योजनांतर्गत पदस्थ संविदा कर्मचारियो को महंगाई भत्ता वर्ष 2008 से प्रदाय किया जा रहा था जो कि म.प्र. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव महोदय द्वारा पत्र क्रं. 9917-18 दिनांक 17 अक्टुबर द्वारा उक्त महंगाई भत्ते का लाभ मनरेगा कर्मचारियो को नही दिये जाने का आदेश प्रसारित किया गया जिसके कारण कर्मचारियो को माननीय मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा समय समय पर बढाये गये महंगाई भत्ते का भी लाभ नही मिल पा रहा है। इसीप्रकार पूर्व मे चिकीत्सा भत्ते/गृह भत्ता आदि संविदा कर्मचारियो को दिये जाने के निर्देश प्रसारित किये गये है किंतु इन सभी का लाभ कर्मचारियो को नही दिया जाकर वापस ले लिय गया है।
3. छटवे वेतनमान के सकमक्ष वेतन निर्धारण मे विसंगतीपूर्ण गणना करना-
म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्र./4498/एनआर-2/मनरेगा /11 भोपाल दिनांक 04/05/2011 द्वारा मनरेगा अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियो/अधिकारियो को छटवे वेतनमान के समकक्ष निश्चित पारिश्रमिक दिये जाने हेतु आदेश प्रसारित किये गये है। जिसमे वेतनमान 5200.20200़2400 मे कार्यरत कर्मचारियो यथा डाटा एण्ट्री ऑपरेटर, केषियर, लेखापाल, सहायक मानचित्रकार के निष्चित पारिश्रमिक गणना मे विसंगती होने के कारण इन्हे लगभग 4000 प्रतिमाह आर्थिक क्षती हो रही है। छटवे वेतनमान के दिशा निर्देशो अनुसार 5200.20200़2400 मे कार्यरत कर्मचारियो का मुल वेतन मध्यप्रदेश शासन (वित्त विभाग) वल्लभ भवन मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रं. /एफ -8/2009/नियम/चार/भोपाल दिनांक 20 अगस्त 2009 अनुसार 9840 निर्धारित किया गया है जबकि वर्तमान मे उक्त वेतनमान मे कार्यरत कर्मचारियो को 5200 मूल वेतन के आधार पर गणना की गई है जबकि अन्य कर्मचारियो की गणना मे किसी प्रकार की विसंगती नही है। जिसके कारण इन्हे लगभग 4000 प्रतिमाह आर्थिक क्षति हो रही है। जिसका चार्ट संगठन द्वारा संदर्भित पत्रो के आधार पर तैयार किया गया है जो श्रीमान के अवलोकनार्थ संलग्न प्रस्तुत है।
4. उन्नत वेतनमान के निर्णय के पश्चात् लागु ना करना-
म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद की सशक्त समिति की छटवी बैठक दिनांक 10.12.2010 लिये गये निर्णयानुसार परियोजना अधिकारी, वरिष्ठ डाटा मेनेजर, एपीओ, प्रबंधक, मानिटरिंग मूल्यांकन अधिकारी आदि का वेतनमान क्रमोन्नत किया जाकर संशोधित किया गया है। जिसके आदेश आज दिनांक तक प्रसारित नही किये गये है जिसके कारण उक्त वर्ग के कर्मचारियो को आर्थिक क्षती पहुंचाई है।
5. नवीन स्थानांतरण निती 2012 की कंडिका क्रं. 6.1 –
म.प्र. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजनांतर्गत पदस्थ संविदा अमले के स्थान परिवर्तन हेतु नई निती वर्ष 2012 दिनांक 25.5.12 को जारी की गई है जिसकी कंडिका क्रं. 6.1 अनुसार स्थानांतरण कराये जाने पर संबंधित कर्मचारी अभी तक की संपूर्ण सेवाओ को सभी प्रयोजनो यथा ऐरियर, नियमीतीकरण आदि हेतु शून्य माना जावेगा एवं वरियता भी समाप्त मानी जाकर नये स्थान पर पदभार ग्रहण करने से ही आपकी नवीन सेवा मानी जावेगी जिसका लाभ किसी भी प्रकार के प्रयोजनो हेतु नही दिया जावेगा। जबकि पूर्व मे जारी स्थान परिवर्तन नीति जून 2010 मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रं./8392/22/वि-2/स्था./10/भोपाल दिनांक 26.06.10 द्वारा जारी की गई थी, जिसमे इसप्रकार की कोई शर्त नही रखी गई थी जिसके आधार पर म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा स्थानांतरण आवेदन मंगाये गये थे लेकिन उक्त नीति का आज 2 वर्ष व्यतीत होने के पश्चात् भी न तो म.प्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा पालन किया गया एवं न ही नीति के संदर्भ मे पिछले 2 वर्षो से प्राप्त स्थानांतरण के आवेदनो पर विचार किया गया।
6. संविदा कर्मचारियो के समस्या निराकरण एवं हितो की रक्षा हेतु किसीप्रकार की कमेटी गठित ना करना –
मध्यप्रदेश शासन द्वारा समय समय पर नियमित कर्मचारी संगठनो की बैठके आयोजित कर उनकी समस्याएं सुनी जाती है एवं निराकरण किया जाता है साथ ही आवश्यकता पडने पर महापंचायत भी बुलाई जाती है लेकिन हम संविदा कर्मचारियो को ना तो उक्त कर्मचारी संगठनो की बैठको मे आमंत्रित किया जाता है एवं ना ही हमारी समस्याएं सुनने हेतु कमेटी गठित की जाती है। इसप्रकार हमारी समस्याएं अंदर ही अंदर अत्यंत ज्वलंत बनती जा रही है।
7. छटवे वेतनमान के समकक्ष वेतन का लाभ ग्रामरोजगार सहायको एवं तकनिकी सहायको को नही दिया जाना –
म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्र./4498/एनआर-2/मनरेगा /11 भोपाल दिनांक 04/05/2011 द्वारा मनरेगा अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियो/अधिकारियो को छटवे वेतनमान के समकक्ष निश्चित पारिश्रमिक दिये जाने हेतु आदेश प्रसारित किये गये है। जो कि मनरेगा के समस्त संविदा अमले हेतु लागु है किंतु ग्राम रोजगार सहायको, तकनिकी सहायको एवं प्रयोगशाला सहायको को उक्त लाभ नही दिया जाकर पुर्वानुसार न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है।
8. संविदा सहायक यंत्री के अधिकार छिनना –
म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्र./1987/22/बीआई-3/ एनआरईजीएस/07 भोपाल दिनांक 12/03/2007 द्वारा डीपोसीट कार्य छोडकर सभी कार्य की तकनिकी स्वीकृती देना एवं कार्य करवाने के अधिकार संविदा सहायक यंत्री को करना थे लेकिन पत्र क्रं./7399/एनआर-3/एमजीएनआरईजीएस-एमपी/2010 दिनांक 19.07.2010 के आदेश अनुसार संविदा सहायक यंत्री के टीएस करने के अधिकार समाप्त कर दिये गये है।
इसप्रकार मध्यप्रदेश शासन द्वारा हम संविदाकर्मीयो की समस्याआ को दूर करने के स्थान पर समस्याएं बढाई गई है जिसके चलते हमेे अपना वर्तमान भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है एवं समस्त मनरेगा कर्मचारियो मे गहरा असंतोष व्याप्त है ।
अत: नियमितीकरण की मांग को लेकर मनरेगा अधिकारी एवं कर्मचारी संगठन द्वारा आज दिनांक 31 अक्टुबर 2012 को संपूर्ण मध्यप्रदेश मे जिलास्तर पर एक दिवसीय विशाल रैली निकालकर, धरना प्रदर्शन किया जाकर यह ज्ञापन आपको भेजा जा रहा है।
हमारी मुख्य मांग-
1. समस्त संविदा अमले को नियमीत किया जावे।
(जैसा कि हिमाचल प्रदेश एवं राजस्थान द्वारा किया गया है)
मनरेगा योजनांतर्गत पदस्थ संविदा कर्मचारियो की संविदा सेवा शर्तो का निर्धारण करते हुए एक निश्चित अवधि के पश्चात् राज्य शासन के नियमित कर्मचारी माना जावे
(जैसा कि संविदा शिक्षको एवं पंचायत सचिवो की निती बनाई गई है।)
अत: हमे आशा ही नही वरन पूर्ण विश्वास है कि आप हमारी आप हमारी उपरोक्त समस्याओ का निराकरण करते हुए नियमितीकरण के संबंध में 19 नवंबर 2012 से पहले अवश्य नितीसंगत गंभीर निर्णय लेगे अन्यथा कि स्थिती मे हम समस्त संविदाकर्मी दिनांक 19 नवंबर 2012 से अनिश्चितकालीन कामबंद असहयोग आंदोलन पर जाने हेतु विवश होगे। जिस हेतु स्वयं शासन/प्रशासन जिम्मेदार रहेगा।
उक्त समाचार हेतू संपर्क सूत्र – ९९७७५७७१००