बैतूल। प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की लंबित 21 सूत्रीय मांगों के निराकरण हेतु समय-समय पर मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के माध्यम से प्रयास किए गए है परन्तु हर बार रा’य शासन से केवल आश्वासन ही मिला है। मप्र कर्मचारी कांग्रेस द्वारा 15 फरवरी 2016 से शासन के ध्यानाकर्षण हेतु पांच चरणों में प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जा रहा है जिसके तृतीय चरण 6 अप्रैल 2016 को सभी जिले के कर्मचारी कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन कर मांगों के निराकरण हेतु एक दिवसीय धरना देकर मांग दिवस मनाते हुए आंदोलन किया। इसमें जिलाध्यक्ष सुश्री शकुंतला शर्मा द्वारा कर्मचारी हितैषी 21 मांगों पर प्रकाश डाला गया।
इनमें से प्रमुख मांग वेतन विसंगतियों को लेकर है जैसे वेतनमान 5000-8000 एवं 5500-9000 में ग्रेड पे रूपये 3200 एवं 3600 के स्थान पर केन्द्रीय सरकार तथा छग सरकार के समान ग्रेड पे रूपये 4200 की जाए एवं वेतनमान रूपये 6500-10500 में ग्रेड पे रूपये 4200 के स्थान पर 4800 दी जाए, दुग्ध महासंघ में ठेका श्रमिकों की सेवाएं नियमित की जाए, 51 सूत्रीय मांगों के संबंध में दिए आश्वासन को पूर्ण करे, अधिकारी एवं कर्मचारीगणों पर लागू वृत्तिकर समाप्त कर दिए, सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से 65 वर्ष की जाए, 2003 से 2012 तक ऐरियर राशि का नगद भुगतान किया जाए, दैवेभो कर्मचारियों एवं संविदा कर्मचारियों को एक मुश्त नियमित किया जाए, अग्रवाल वेतन आयोग की कर्मचारी हितेषी मांगों को लागू किया जाए, दैवेभो कर्मचारियों से नियमित हुए कर्मचारियों के द्वारा की गई सेवा पंशन के लिए गणना में लिया जाए, पैरा मेडिकल स्टाफ को भी नाई इमरजेंसी ड्यिुटी भत्ता दिया जाए, पेंशनर्स को एरिसर्य का भुगतान किया जाए, अध्यापकों को नियमित कर्मचारी के समान वेतनमान एवं अन्य सुविधायें प्रदान की जाए, प्रदेश के सभी शिक्षकों को केन्द्र के समान वेतनमान दिया जाए, लिपिकों की वेतन विसंगति को दूर किया जास, विभागाध्यक्ष, जिला व तहसील स्तर पर गठित संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक अनिवार्य रूप से तीन माह में एक बार करायी जाए बैठक आयोजित नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाए, प्रदेश के अधिकारियों को और कर्मचारियों को 200 रूपये प्रतिमाह चिकित्सा भत्ता दिया जाए, अमान्य अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों पर पूर्व विचार कर सभी अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाए, अध्यापक सवंर्ग की स्वै’िछक स्थानांतरण नीति जारी की जाए, अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाए, संविदा शाला शिक्षकों का वेतन दो गुना किया जाए, अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों की मृत्युपरांत उसके आश्रित को दी जाने वाली अनुकंपा नियुक्ति में बी.टी.आई. एवं बी.एड. की अनिवार्यता समाप्त की जाए। इस तरह इन मांगों का निराकरण नहीं किया जाता है तो चतुर्थ चरण में 4 मई 2016 को वादा निभाओ दिवस मनाते हुए कलेक्टरेट पर प्रदर्शन कर ज्ञापन पुन: सौंपा जाएग
संयुक्त अधिकारी कर्मचारी संगठन के अनिल कापसे,जिलाध्यक्ष, अधिकारी / कर्मचारी महासंघ, जिलाध्यक्ष केएल ठाकुर ने धरना स्थल को संबोधित किया। आभार मप्र रा’य कर्मचारी संघ के जिला सचिव मनोज राय द्वारा व्यक्त किया गया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष, मप्र कर्मचारी कांग्रेस संघ, जिलाध्यक्ष, मप्र तृतीय वर्ग शास. कर्मचारी संघ, जिलाध्यक्ष, अपाक्स संघ, जिलाध्यक्ष, मप्र लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, जिलाध्यक्ष, मप्र लघुवेतन कर्मचारी संघ, जिलाध्यक्ष, मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, जिलाध्यक्ष, मप्र वाहन चालक यांत्रिक कर्मचारी संघ, जिलाध्यक्ष, मप्र शिक्षक संघ कांग्रेस, जिलाध्यक्ष, मप्र प्राध्यापक संघ, जिलाध्यक्ष, मप्र डिप्लोमा इंजीनियरिंग एसोसिएशन, जिलाध्यक्ष, मप्र पशु चिकित्सक क्षेत्र अधिकारी संघ, जिलाध्यक्ष, मप्र राजस्व निरीक्षक संघ, जिलाध्यक्ष, मप्र वन कर्मचारी संघ, जिलाध्यक्ष, मप्र पटवारी संघ, जिलाध्यक्ष, मप्र आईटीआई तकनीकी कर्मचारी संघ, जिलाध्यक्ष,मप्र शिक्षक संघ, जिलाध्यक्ष, मप्र शिक्षक अध्यापक महासंघ, पंचायत सचिव संघ, जिलाध्यक्ष,सफाई कर्मचारी महासंघ, जिलाध्यक्ष, दैनिक वेतन भोगी संघ, जिलाध्यक्ष,संविदा अध्यापक संघ, जिलाध्यक्ष,जिला ई.जी.एस. गुरूजी संघ, जिलाध्यक्ष,संविदा शिक्षक संयुक्त मोर्चा धरने में शामिल हुए।