फिल्म से जुड़ी अ’छी और नयी बात यह है कि इसके साथ शाहरूख एक अभिनेता के तौर पर नयी चुनौतियां स्वीकार कर रहे हैं। शाहरूख ने फिल्म में दो किरदार निभाए हैं, एक में वह असल जिंदगी की तरह सुपरस्टार की भूमिका में हैं जबकि दूसरे में वह सुपरस्टार के सुपर फैन बने हैं। शाहरूख ने अपनी से आधी उम्र के प्रशंसक के किरदार को पूरे जीवटता और विश्वास के साथ निभाया है। सभी को हमेशा से ही शाहरुख खान से एक शाश्वत शिकायत रही है कि वे किरदार नहीं बनते, हर फिल्म में शाहरुख खान ही रहते हैं। फैन में भी वे शाहरुख खान ही बने रहते हैं, जब-जब स्टार आर्यन खन्ना का रोल निभाते हैं। इस रोल में वे खुद को ही स्क्रीन पर जीते हैं और हमेशा की तरह बेहद सादे लगते हैं। लेकिन जब वे इस स्टार के दीवाने फैन का रोल करते हैं, किरदार बनने के लिए किए जाने वाले अभिनय को हर अभिनेता के लिए पुन: परिभाषित कर देते हैं।
फैन के किरदार में शाहरूख ‘कभी हां कभी ना’, ‘बाजीगर’, और ‘राजू बन गया जेंटलमेन’ की झलक दिखती है जिस वक्त वे सुपर स्टार नहीं थे सिर्फ एक खालिस अभिनेता थे। ग्रेग कैनम द्वारा किया उनका प्रोस्थेटिक मेकअप और कम्प्यूटर की कारीगरी से बना उनका पतला शरीर भी उनके अति उत्तम अभिनय के स्तर का ही लाजवाब है। फिल्म में आत्ममुग्धता भी है और शाहरुख के सुपर स्टारडम वाले आभामंडल को फिल्म खूब प्रचारित भी करती है। लेकिन वह कई दृश्यों में एक सुपरस्टार के अहंकार को भी दिखाने का साहस रखती है। तो कभी एक उद्योगपति जिसकी बेटी की शादी में नाचने के लिए हीरो मोटी रकम लेता है उसके हाथों एक सुपरस्टार को जलील होते हुए दिखाकर शादियों में नाचने-गाने वाले सेलिब्रिटी कल्चर पर भी चोट करती है।
एक फैन और सुपरस्टार के खट्टे हो चुके रिश्ते को थ्रिलर का रूप देने के बाद फिल्म थोड़ी झोल खाने लगती है। जिसमें अति की नाटकीयता से दर्शक अपने आपको इससे कनेक्ट नहीं कर पाता है। सवाल यह उठता है कि फैन की क्या हदें होनी चाहिए और सेलीब्रिटी को उनसे कैसे डील करना चाहिए। यह सब सचिन तेंदुलकर से सीखा जा सकता है, सचिन बतौर सेलेब्रिटी एक आदर्श हैं। हिन्दी सिनेमा में ‘स्टारडम’ शब्द राजेश खन्ना (काका) की देन है। उन्होने स्टारडम का भरपूर आनंद लिया है।
कहते हैं उस दौर में जुमला था उपर आका नीचे काका और लड़कियां तकिये के नीचे राजेश खन्ना का फोटो रखकर सोती थी। हेमामालनी के घर भी एक प्रशंसक रात में घुस चुका है। अक्सर प्रशंसक अपनी मर्यादायें तोड़ते रहें हैं तो कभी सेलेब्रिटी अपनी मर्यादयें भूल जाती है। गोविंदा ने अपने एक प्रशंसक को शुटिंग दौरान थप्पड़ मार दिया था। ऐसे ही कई किस्से हैं। आज के समय में फैन फॉलाइंग खत्म हो चुकी है। एक समय दिवारों पर स्टारों के बड़े – बड़े पोस्टर लगाये जाते थे और उनके जैसे हेयर स्टाईल और कपड़े धारण करने का शगल रहता था। आजकल ना तो किसी का हेयर स्टाईल ना ही कपड़े कॉपी किए जा रहें हैं। आज सबसे बड़ी हस्ती इंटरनेट बन चुका है।