बैतूल। सत्य ओम संत सम्राट आध्यात्मिक शक्तिपीठ ग्राम पोस्ट बरसाली द्वारा सिंहस्थ में आए पू’य शंकराचार्यो, संतो, पीठाधीश्वरों, महामण्डेश्वरों आदि को संस्था द्वारा एक विनती, शंका समाधान एवं प्रर्थाना पत्र दिया गया। जिस पर किसी के द्वारा भी प्रश्रोत्तर नहीं मिला है। पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में राम एवं भागवत कथा काफी हो रही है परन्तु वर्तमान हालातों में अनुपातिक सुधार नहीं हो रहा है, वर्तमान में सभी राजनैतिक पार्टियों में आरक्षण संबंधी होड़ बढती जा रही है इस पर आपका क्या विचार है।
किसी भी युग में क्या आरक्षण था, अगर नहीं तो सरकार एवं पाने वालों को इसकी अनावश्यकता से परिचित करायें, देश में आरक्षण आर्थिक आधार पर हो तो कैसा रहेगा? क्या आरक्षण से आपसी भाई चारा कम नहीं हो रहा है? हमारे प्रवचनों में समता पर जोर होना चाहिए, भारत देश की अस्मिता अयोध्या राम मंदिर से जुड़ी है फिर भी मंदिर के निर्माण में देरी क्यों हो रही है, भारत में जानवरों के कत्लखाने बढते जा रहें हैं, इस पर संत समाज क्या कर रहा है। हमारा इन जीवों के प्रति दायित्व नहीं बनता है? ऐसे ही ‘वलनशील सवाल इस पत्र में पूछे गए हैं।