बरसते पानी में अध्यापकों ने शिकायत पेटी में डाला ज्ञापन
बैतूल। मप्र शासन के नियमानुसार 4 वर्ष की सेवा प्रतिनियुक्ति पूर्ण कर चुके बीएसी, सीएसी की काउंसलिंग निरस्त करने की मांग को लेकर अध्यापक संयुक्त मोर्चा ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। मोर्चा जिलाध्यक्ष मदनलाल डढोरे ने बताया कि रा’य शिक्षा केन्द्र के द्वारा अध्यापकों को उनके मूल विभाग जिला पंचायत को कार्यमुक्त करने हेतु आदेशित किया गया था। परन्तु जिला परियोजना समन्वयक के द्वारा आनन-फानन में गलत तरीके से अध्यापकों को कार्यमुक्त कर दिया गया। जिस कारण जिले के अनेक अध्यापक मनपंसद पदस्थापना के लिए परेशान हैं। अध्यापक संघ जिलाध्यक्ष द्वारका पंवार ने आरोप लगाया कि सहायक आयुक्त आदिवासी विकास द्वारा गलत तरीके से अध्यापकों की काउंसलिंग की गई है, जिस संबंध में अनेकों बार प्रशासन को ज्ञापन दिया जा चुका है परन्तु शासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिसका हम घोर विरोध करतें हैं एवं पून: जिला पंचायत से काउंसलिंग नहीं की गई तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
एम शिक्षा मित्र के लिए मांगी सुविधाएं
मप्र शासन द्वारा जारी की गई एम शिक्षा मित्र के विरोध में रविवार को अध्यापक संविदा संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में एम शिक्षा मित्र के संचालन के लिए सुविधाओं की मांग की। मोर्चा का कहना है कि इसमें लगने वाले माबाईल व्यय, नेट बेलेंस, प्रशिक्षण,ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क समस्या आदि के निराकरण की मांग की है। मोर्चा जिलाध्यक्ष मदनलाल डढोरे ने कहा कि अध्यापक संवर्ग का वेतन इतना नहीं है कि वे स्मार्ट फोन वाला मोबाईल क्रय कर सकें। श्री डढोरे ने कहा कि शासन पहले 6वां वेतनमान जस का तस देदे उसके बाद यह योजना का क्रियांवयन करे। ज्ञापन देने वालों में काशीनाथ लोखंडे, राजकुमार चढोकार, संजय राने, कमलाकर घुमारे, हरिशंकर धुर्वे, आरके वर्मा, मनोहर मालवीय, द्वारका पंवार, मदनलाल डढोरे, दशरथ धुर्वे, हेमराम बेले, जितेन्द्र यादव, सावन डढोरे सहित अनेक लोग उपस्थित थे।