बैतूल। शिक्षक संघ मप्र का प्रंातीय सम्मेलन प्रांताध्यक्ष सतानंद मिश्रा, प्रांतीय संगठन मंत्री गौरीशंकर दुबे, प्रांतीय संरक्षक रामकृष्ण नवाल, प्रांतीय सचिव एसके गौतम की गरिमामय उपस्थिति के बीच संपन्न हुआ। सम्मेलन में कई प्रस्तावों पर सहमति बनी और इन प्रस्ताव को आधार बनाकर संगठन की आगामी रूपरेखा तैयार की गई। इनमें प्रमुख रूप से अध्यापकों के शिक्षा विभाग में संविलियन की जगह अध्यापकों को शासनाधीन करने का प्रस्ताव पारित किया गया जिससे सर्व शिक्षा अभियान के अध्यापक सर्व शिक्षा अभियान में, आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत अध्यापक आदिम जाति कल्याण विभाग में, शिक्षा विभाग के अध्यापक शिक्षा विभाग में शासन के अधीन हो जांएगे।
इसके लिए संघ एक जुट होकर प्रांत स्तर से जल्द ही एक कार्यक्रम की घोषणा करेगा। अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रांताध्यक्ष मनोज आर्य ने बताया कि हमें उम्मीद है कि नए शिक्षा मंत्री विजय शाह के द्वारा अध्यापकों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाएगा। रामकृष्ण नवाल ने कहा कि शिक्षकों को गुरू की गरिमा को बनाए रखने के लिए आत्मचिंतन की जरूरत है। सम्मेलन में पूरे मप्र के 40 जिलों से संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे। सम्मेलन में प्रमुख रूप से प्रांतीय महिला प्रकोष्ठ की प्रांताध्यक्ष संगीता गर्ग, प्रांतीय उपाध्यक्ष दिलीप कुमार सांखला, राकेश शुक्ला, सुरेन्द्र प्रसाद पांडे, शिवराज सांवलेकर, सोहनलाल राठौर, उमाशंकर सोनी, मदनलाल मंडलोई उपस्थित थे। सम्मेलन का संचालन मंदसौर जिलाध्यक्ष जयेश नागर द्वारा व आभार दिलीप कुमार सांखला द्वारा व्यक्त किया गया।