बैतूल। मां माचना सेवा समिति बैतूल के तत्वावधान में मां माचना जयंति के अवसर पर बडोरा पुल स्थित माचना तट पर मां माचना जयंति समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अतिथि के रूप में बिरदीचंद पगारिया, बाबा माकोड़े, रवि माकोड़े, पंकज साबले, एनआर साबले, बीआर खंडागरे, अशोक महाले, कृष्णा वागदे्र, अनिल जैन, दीपक राठौर, सरीता राठौर, गोपाल साहू उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों मां माचना का पूजन, दुग्धाभिषेक व दीपदान कर किया। इसके बाद सभी ने मां माचना को 121 फिट की चुनरी चढ़ाकर मां माचना का श्रंगार किया। इस अवसर पर सभी मां माचना को स्व’छ रखने का संकल्प लिया।
इस मौके पर बीआर खंडागरे ने कहा कि नगर के अधिकतर वार्डो में माचना के जल से लोग अपने दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहें हैं। वर्तमान समय में यह जीवन दायिनी नदी है। रवि माकोड़े ने कहा कि नदियों को माता की संज्ञा दी गई है नदियों का अपना महत्व है। बाबा माकोड़े ने कहा कि दुनिया की सभ्यता एवं संस्कृति नदियों के किनारे जन्म लेती हैं। नदियों का संरक्षण जरूरी है। बिरदीचंद पगारिया ने कहा कि जयंती मनाने का मकसद नदियों का शुद्धिकरण है। अनिल जैन ने कहा कि भारत एकमात्र देश है जहां नदियों को पूजा जाता है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।