बैतूल। ‘महिला सशक्तिकरण में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका’ जेएच महाविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के दूसरे दिन कार्यक्रम का शुभारंभ टेक्निकल सत्र से हुआ जिसमें इस सत्र की अध्यक्ष डॉ अर्चना मेहता थी। इस सत्र में डॉ ज्योति शर्मा ने अपने शोध पत्र ‘आज से सोलवीं सदी तक की महिलाओं का चित्रण’ सहसमंवयक डॉ अलका पांडे ने ‘परिवार के स्वास्थ्य से लेकर परिवारिक जीवन में बायोटेक्निलॉजी का जीवन में महत्व’, साधना ठाकुर ने ‘मीडिया की भूमिका महिलाओं के लिए सकारात्मक’, डॉ मीना डोनीवाल द्वारा ‘महिलाओं के लिए विकास के नये सोपान, डॉ अंजना राठौर द्वारा ‘11 अक्टुबर बाल कन्या दिवस एवं राज्य सरकार की महिला हितेषी योजनाओं का संकलन प्रस्तुत किया।
टेक्निकल सत्र के अंत में अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ अर्चना मेहता हर महिला ने कहा कि महिलाओं की सोच बहोत अधिक विस्तृत है, उसको मंच मिलने पर वह अपनी उर्जा, क्षमता और कौशल समाज के लिए समर्पित कर सकती है। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में सम्मान समारोह किया गया जिसमें मप्र शासन उच्च शिक्षा विभाग गुणवत्ता विस्तार वर्ष 2012-13 के तहत महाविद्यालय द्वारा सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
इनको मिला गुणवत्ता विस्तार सम्मान 2012-13
डॉ केके चौबे , सेवानिवृत्त प्रोफेसर
डॉ ऊषा द्विवेदी, सेवानिवृत्त प्राचार्य
श्रीमति नयनतारा पाठक,सेवानिवृत्त प्राचार्य
को शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह, और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के चौथे सत्र में विषय विशेषज्ञ डॉ माधुरी लता दुबे भोपाल, डॉ धमेन्द्र कुमार, डॉ एसबी हसन, डॉ महेन्द्र गिरी,डॉ आरके तिवारी ने अपने संगोष्ठी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन डॉ मीना डोनीवाल, डॉ राकेश तिवारी द्वारा एवं आभार कार्यक्रम की समंवयक डॉ पुष्पारानी आर्य द्वारा व्यक्त किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से डॉ एसबी हसन, डॉ राकेश तिवारी, डॉ मेहता, डॉ अर्चना मेहता,प्रो जेआर कोरी,डॉ अलका पांडे, डॉ अनिता सोनी, डॉ ज्योति शर्मा, डॉ धमेन्द्र कुमार, पुष्पारानी आर्य,प्रो दाबड़े, प्रो देशपंाडे, प्रो सलील दुबे, डॉ खेमराज मगरदे, प्रो निरापुरे,डॉ रमाकांत जोशी, डॉ आभा वर्मा, डॉ हेमंत वर्मा, प्रो राने आदि समस्त स्टाफ सहित महाविद्यालय के छात्र-छात्रऐं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।