बैतूल। जिले के निम्मनवाड़ा ग्राम के शिक्षक ईसना धोटे का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उनका नाम शिक्षिकीय कार्य के लिए हमेशा याद रहेगा। आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले शिक्षक श्री धोटे ने शिष्यों एवं आतमीयजनों के बीच गुरूजी के नाम से जाने जाते रहें एवं कतृव्र्यनिष्ठा व इमानदारी जीवन भर विद्यार्थियों को कुशल कारीगर की भांती गढ़ते रहे। उक्त उद्गार उनके शिष्य रमेश कुमार हारोड़े द्वारा शुक्रवार को उनके श्रद्धांजली कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहे। श्री हारोड़े ने कहा कि उनकी साधना और तपस्या के लिए मप्र सरकार द्वारा उन्हें रा’य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सेवानिवृत्ति के बाद गृह ग्राम में गोरखनाथ मंदिर का निर्माण भी कराया गया। श्रद्धांजली कार्यक्रम में आस-पास के अनेक ग्रामों से उनके सैंकड़ों शिष्य व सामाजिक बंधु उपस्थित थे।