बैतूल। अध्यापक संघर्ष समिति के तत्वावधान में गुरूवार को मुख्यमंत्री के नाम से अपनी 20 सूत्रीय मांगों एवं जिला स्तरीय मांगों को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। रवि सरनेकर ने बताया कि ज्ञापन में हमारे द्वारा मांग की गई है कि शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाए, 2007 से समान वेतनमान प्रदान किया जाए, संतान पालन अवकाश पर लगाई रोक को वापस लिया जाए, गुरूजियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता और 2011 से सभी गुरूजियों को संविदा शिक्षक बनाया जाए, अतिथि शिक्षकों को संविदा शिक्षक बनाया जाए, निजीकरण के प्रयास बंद किए जाए, कम दर्ज संख्या के कारण विद्यालय में मर्ज नहीं किया जाए और दर्ज संख्या बढ़ाने के लिए 3 वर्ष का समय दिया जाए, 5 हजार से कम आबादी वाले गांव में निजी विद्यालय नहीं खोले जाने सहित अन्य मांगों का उल्लेख किया गया है।
मनोहर मालवीय ने बताया कि जिला स्तरीय ज्ञापन में मांगों के संबंध में मांग की गई है कि ई अटेन्डेंस लागू नहीं की जाए, अध्यापक संवर्ग की क्रमोन्नति विगत दो वर्ष से लंबित है जिस पर अतिशीघ्र कार्यवाही की जाए, अतिशेष काउंसलिंग रद्द किया जाए, सीएसी, बीएसी, बीआरसीसी एवं एपीसी की नियुक्ति के लिए निर्धारित प्रारूप में वरियता क्रम जारी किया जाए। ज्ञापन सौंपते समय भीम धोटे, भीम लांजीवार, जितेन्द्र यादव, विनोद पड़लक, राजेन्द्र कटारे, विनय सिंह राठौड़, भोजराज गुजरे, आशीष भूसारी,पंजाब गायकवाड़, आजाद कश्यप, सुरेश गावंडे, सुनील घोरमाड़े, लीलाधर नागले, गिरीश मालवीय, विजय पटैय्या आदि उपस्थित थे।