मुलताई- ग्राम महिलावाड़ी में पाँच दिवसीय प्रज्ञापुराण कथा एवं गायत्री महायज्ञ में कथा वाचक पंडित धनराज धोटे ने प्रज्ञा पुराण कथा के महत्व को बताते हुवे गृहस्थ आश्रम, वानप्रस्थ आश्रम के बारे में बताया कि प्रत्येक गृहस्थी को अपने परिवार में सुख शान्ति का वातावरण निर्मित करने हेतु परम पूज्य गुरुदेव द्वारा बताये गऐ मार्ग पर चलना चाहिए। उन्होने बताया कि पावन प्रज्ञा पुराण कथा में सभी समस्याओं के समाधान की बात परम पूज्य गुरुदेव ने लिखी है 3200 पुस्तकों का लेखन परम पूज्य गुरुदेव ने किया है उनके द्वारा लिखित साहित्य में प्रचण्ड तप शक्ति निहित है। पावन प्रज्ञा पुराण कथा एवं सहस्त्र वेदीय दीपमहायज्ञ में उन्होने कहा कि अगर नवयुग आएगा तो व्यक्ति के विचार शोधन द्वारा ही क्रांति होगी समाज का नवनिर्माण होगा तो वह सद्विचारों की प्रतिष्ठापना द्वारा ही सम्भव होगा। उन्होने बताया कि प्राचीन काल में ऋषि -मुनि समाज के विकास का ध्यान रखते थे। ऋषि जन समुदाय के हित की बात सोचते थे। मुनिगण चिंतन,मनन, स्वाध्याय द्वारा जन-मानस के परिष्कार के अह्म भूमिका निभाते थे।
आज जन समुदाय के मन-मस्तिष्क में जो दुर्गति घुस पड़ी है, उसी की परिणति ऐसी परिस्थितियों के रूप में नजर आती है, जिन्हे जटिल,भयावह समझा जा रहा है। उन्होने बताया कि परम पूज्य गुरुदेव ने व्यक्ति के चिंतन चरित्र को बदलने के लिए युग साहित्य रचा है मानव की विकृतियाँ जो आज समाज में विद्यमान है दैनदिन जीवन की समस्याओं का समाधान यदि सम्भव है तो वह युग साहित्य में ही निहित है। दोपहर को युवा चेतना शिविर के आयोजन में डाँ.रामदास गढ़ेकर ने ग्रामीणों को स्वच्छता एवं पर्यावरण के बारे में विस्तार से बताते हुवे कहा कि अपने ग्राम को स्वच्छ, सुन्दर, व्यसन मुक्त रखने के लिए युवाओं को आगे आना होगा जब हमारा गाँव स्वच्छ होगा तो ही हम आदर्श ग्राम योजना की बात कह सकते है उन्होने कहा कि गायत्री परिवार शान्तिकुंज हरिद्वार द्वारा पूरे देश मे स्वच्छता संवर्धन के तहत योजनाएँ चलाई जा रही है उसमें आदर्श ग्राम योजना को प्रमुख रूप से लिया गया है आदर्श ग्रामों का निर्माण इस समय की प्रमुख आवश्यकता है इस संदर्भ में जागरूकता के लिए गाँव-गाँव कार्यक्रम आयोजित किए जाने है।
गायत्री परिवार के निर्धारण के अनुरूप स्वच्छ, शिक्षित, स्वावलम्बी, संस्कारवान, नशाविहीन, पर्यावरण सम्पन्न एवं जैविक खेती वाले गाँवो के निर्माण का दायित्व युवा वर्ग सँभालेगा तभी यह संकल्प साकार होगा। उन्होने गौ संवर्धन से जैविक खेती के बारे में भी ग्रामीणों को बताया। कु.अदिती देशमुख ने बेटी बचाओं और नारी जागरण पर विशेष उद्बोधन दिया। ग्राम सरपंच दिनेश पठाड़े ने ग्राम को आदर्श बनाने का संकल्प लिया। गुरुवार प्रात: पावन प्रज्ञापुराण कथा एवं पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति सम्पन्न हुई। महायज्ञ की पूर्णाहुति में 50 युवाओं ने नशा छोडऩे का संकल्प लिया। महायज्ञ में जिला परियोजना अधिकारीश्री पराडक़र जी एवं श्री बी.आर.धोटे जिला शिक्षक संघ अध्यक्ष एवं आसपास के ग्रामीण भाई-बहनों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया एवं पूर्णाहुति सम्पन्न की। अंत में आयोजकों ने टोली नायक पंडित धनराज धोटे,कमलेश धोटे,प्रतिक बैस,जितेन्द्र सोनी,देवराव पाल,चन्द्रभान बारस्कर को गायत्री परिवार महिलावाड़ी द्वारा भाव भीनी विदाई दी गई। तत्पश्चात शान्तिपाठ कर महाप्रसादी का आयोजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में महिलावाड़ी गायत्री परिवार एवं आसपास के ग्रामीणों अचंल के हजारों भाई-बहनों ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया।