बैतूल। आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज एवं मुनि संघ पंचकल्याणक एवं गजरथ महामहोत्सव में धर्म की गंगा प्रवाहित कर रहें हैं। सैंकड़ों धर्मावलम्बीयों के उपस्थिति में दैनिक कार्यक्रम प्रतिमाओं का अभिषेक, शांति धारा, नित्य पूजन, याग मंडल विधान एवं संस्कार विधि आदि कार्यक्रम नियमित रूप से हो रहें हैं। इस मौके पर आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज ने कहा कि प्रतिमाएं बन चुके भगवान हैं परन्तु छोटे ब”ो आने वाले समय के भगवान होने वाले हैं, इसलिए इन्हें कभी लात नहीं मारना। जिस तरह घर में महिलाएं क”ो आटे को सुरक्षित रखती हैं उसी तरह ब”ाों को भी सुरक्षित रखना चाहिए। जिस तरह कुर्सी का एक पैर टूटने पर उस पर कोई नहीं बैठता उसी तरह व्यक्ति के जीवन में धर्म नहीं होने पर उसे कोई पसंद नहीं करता है। अध्यात्मा का निचोड़ हजारो वर्ष पूर्व ही संतों ने जिनवाणी को ताड़पत्र पर लिखकर चले गए। वह हमारे बीच में है। नहीं तो यह भी हमारे बीच से पलायन कर जाती। आत्मा को संस्कारित करना ही धर्म है। आत्मा को कोई नहीं पहचानता है सभी शरीर के आवरण को ही पहचानते हैं। यही प्रभु राम और महावीर ने बताया। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
आज ज्ञान कल्याणक (झलका सारा लोक)
जन्म कल्याणक महोत्सव के मीडिया प्रभारी हेमंत पगारिया,संदीप तातेड़ ने बताया कि प्रतिष्ठाचार्य ऋषभ कुमार शास्त्री एवं सह प्रतिष्ठाचार्य पंडित संजय सरस के सानिध्य में आज 24 जनवरी को ज्ञान कल्याणक के अंतर्गत के अंतर्गत प्रात: 6 बजे अभिषेक, शांति धारा, नित्य पूजन, प्रात: 8 बजे जन्म कल्याणक पूजन, प्रात: 9:30 बजे आचार्य श्री के प्रवचन, दोपहर 1 बजे केवल ज्ञान कल्याणक संस्कार विधि मंत्र न्यास, प्राण प्रतिष्ठा, दोपहर 3 बजे दिव्य समव शरण रचना एवं देशना, दोपहर 4 बजे मंगलश्री के प्रवचन, शाम 7 बजे श्रीजी एवं आचार्य श्री की आरती, 8 बजे से कवि सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। बैतूल जिले में पहली बार होने जा रहे इस धार्मिक आयोजन में सकल जैन समाज ने सभी धर्म प्रेमी जनता से उपस्थित होकर धर्म लाभ लेने का आग्रह किया है।