बैतूल। आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज एवं मुनि संघ पंचकल्याणक एवं गजरथ महामहोत्सव में धर्म की गंगा प्रवाहित कर रहें हैं। सैंकड़ों धर्मावलम्बीयों के उपस्थिति में दैनिक कार्यक्रम प्रतिमाओं का अभिषेक, शांति धारा, नित्य पूजन, याग मंडल विधान के बाद समवशरण का जीवंत्त चित्रण प्रस्तुत किया गया। जिसमें तीर्थंकर भगवान के काल के समय के समवशरण की मनमोहक प्रस्तुति श्रावक, श्राविकाओं एवं ब”ाों द्वारा ज्ञानवर्धक प्रस्तुति दी। इस अवसर पर आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज ने कहा धर्म मिलता है, वर्तमान के पुरूषार्थ से और दुख मिलता है पूर्व के कर्म से। जो जीव संकट के समय में धर्म करता है वह श्रेष्ठ होने की क्रिया में है। परन्तु जो सुख में भी धर्म करता है वह महाश्रेष्ठ की श्रेष्ठी में आता है। सुख और दुख दोनो स्थिति में धर्म करने से जन्म और मरण का क्षय हो जाता है। इसलिए कहते हैं अंतिम सांस निकलने के पहले धर्म की सांस न निकलने देना। जिस तरह घड़ी कांटों से नहीं चलती, बिना सेल के वह किसी काम की नहीं है उसी तरह व्यक्ति के जीवन भी कर्मो के सेल से चलता है। कर्ता बनने की वृत्ति जीवन में अशांती पैदा करती है। जिसका जो स्वभाव है वही उसका स्वरूप है। इसको न मानने वाला भी अशांत रहता है। जिस तरह ध्यान और अध्ययन मुनि के कर्तव्य हैं उसी तरह दान और धर्म श्रावक के कर्तव्य हैं। इस संसार में भीख भी इंसान ही मांगता है और इंसान ही देता भी है। यह उसके कर्मो का फल ही है। परिवार के मोह में जो मिथ्यावादी जीवन जीने के लिए ना-ना प्रकार अर्थ का परिग्रह परिवार के लिए करते हैं, क्या वह मृत्यु के समय साथ जाता है? नहीं जाता। यह सत्य है कि अपने कर्मो का फल अवश्य भोगना पड़ता है। पुण्य और पाप संसार के कारण हैं। अज्ञानता से पाप हो सकता है तो ज्ञान से उसका नाश भी हो सकता है। परन्तु धर्म जिसके पास है उसका कल्याण अवश्य होगा। प्रवचन के उपरांत आचार्य श्री विशुद्ध सागर ने उपस्थित जनसमुदाय के प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं को पूरा किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
आज मोक्ष कल्याणक (शास्वत बिदाई)
जन्म कल्याणक महोत्सव के मीडिया प्रभारी हेमंत पगारिया,संदीप तातेड़ ने बताया कि प्रतिष्ठाचार्य ऋषभ कुमार शास्त्री एवं सह प्रतिष्ठाचार्य पंडित संजय सरस के सानिध्य में आज 25 जनवरी को मोक्ष कल्याणक के अंतर्गत के अंतर्गत प्रात: 6 बजे अभिषेक, शांति धारा, नित्य पूजन, प्रात: 7 बजे प्रवचन, 8 बजे बजे जन्म कल्याणक पूजन, दोपहर 12 बजे गजरथ शोभा यात्रा जो कि कार्यक्रम स्थल से प्रारंभ होकर गंज नवनिर्मित मंदिर में पहुंचेगी। दोपहर 3 बजे गंज मंदिर में आचार्य श्री के प्रवचन इसके पश्चात आचार्य श्री मुनि संघ के साथ भोपाल विहार करेंगे।