बैतूल। भारत के युवा वर्ग को पाश्चात्य संस्कृति की वेलेन्टाईन डे जैसी कुप्रथा से बचाने व भारतीय संस्कृति अनुसार माता-पिता व गुरूजनों के प्रति पू’य व आदर भाव प्रदर्शित करने के लिए संत आशाराम बापू ने विगत 10 वर्षो से 14 फरवरी को मातृ पितृ पूजन दिवस की परंपरा शुरू करवा के युवाओं को एक नई दिशा प्रदाय की है। उन्ही से प्रेरित होकर शहर की श्री योग वेदांत सेवा समिति, युवा सेवा संघ व महिला उत्थान मंडल बैतूल के तत्वावधान में जिले की अधिकांश शिक्षण संस्थाओं में 14 फरवरी को मातृ पितृ पूजन दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाया गया। संघ के जिलाध्यक्ष राजेश मदान ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम जेएच कॉलेज बैतूल में आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष अलकेश आर्य, जिला पंचायत अध्यक्ष सूरजलाल जावरकर, प्राचार्य डॉ. एस.के. जैन रहे।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्र”ावलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसके बाद कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा माता-पिता व गुरूजनों का तिलक लगाकर विधिवत पूजन किया गया व उनकी परिक्रमा कर आरती उतारी व मिठाई खिलाकर आर्शीवाद लिया। अतिथियों ने इस अनूठे प्रयास की सराहना की। युवाओं ने भी इस दिन को मातृ पितृ पूजन के रूप में मनाने का संकल्प लिया। श्री मदान ने बताया कि शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय, सुभाष स्कूल, न्यू बैतूल स्कूल, आमला के बेसिक स्कूल, एक्सीलेंस स्कूल, विजन स्कूल, पेराडाईस स्कूल, सिमोरी के मिडिल स्कूल, सेलगांव के दादाजी हाईस्कूल सहित जिले की अनेक शिक्षण संस्थाओं में यह आयोजन किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में चंद्रप्रकाश भाई, सुरेन्द्र कुंभारे, रविकांत आर्य, अनिता मानकर, आशा भूमरकर, मुन्नी मालवी आदि साधकों का सराहनीय योगदान रहा। समिति ने सभी शिक्षण संस्थाओं के प्रमुखों के प्रति आभार व्यक्त किया है।