बैतूल। सूचना के अधिकार में यदि जानकारी नहीं देना है तो लोक सूचना अधिकारी के पास बहने एक से बढ़ कर एक मिल जाएंगे। चाहे उसमें प्रथम अपीलीय अधिकारी का आदेश हुआ हो, चाहे सूचना आयुक्त मप्र द्वितीय अपीलीय अधिकारी का आदेश हुआ हो। सूचना आयोग भोपाल ने अपने एक प्रकरण सोहनलाल विरूद्ध लोक सूचना अधिकारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी भीमपुर एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कलेक्टर कार्यालय बैतूल को प्रस्तुत आवेदन दिनांक 11 दिसम्बर 2013 के संदर्भ में ए – 0329 / 2015 में मुख्य सूचना आयुक्त ने आदेश जारी कर निर्देश दिए हैं कि आदेश प्राप्ति के एक माह में अपीलार्थी को वांछित चिकित्सा अवकाश आवेदन एवं उन पर की गई कार्यवाही से अपीलार्थी को नि:शुल्क उपलब्ध पंजीकृत डाक से कराएं।
इसके पूर्व में प्रथम अपीलीय अधिकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बैतूल ने अपने आदेश क्रमांक 2115 बैतूल दिनांक 30 मार्च 2015 में लोक सूचना अधिकारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी भीमपुर को तीन दिन के अंदर वांछित जानकारी आवेदक को चिकित्सा अवकाश आवेदन पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराने के लिए आदेशित किया था, लेकिन बीईओ भीमपुर के कान पर जूं भी नहीं रेंगी थी। बीईओ कभी बहाना करते हैं कि सर्विस बुक के साथ बीईओ चिचोली को चिकित्सा आवेदन प्रमाण पत्र भेज दिए हैं। कभी कहते हैं कि कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं, कभी कहते हैं कर्मचारी द्वारा जमा की प्रस्तुत पावती की छायाप्रति में प्राप्त कर्ता के हस्ताक्षर नहीं मिलने का बहाना कर सत्यापित प्रति देने से तीन साल से इंकार कर रहें हैं। अपीलार्थी सोहनलाल राठौर ने सूचना आयोग को आवेदन पत्र भेजकर जल्द से जल्द बिंदु क्रमांक 6,7 और 8 में चिकित्सा अवकाश के आवेदन और प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति दिलाने का निवेदन किया है एवं आवेदन की प्रति कलेक्टर बैतूल प्रथम अपीलीय अधिकारी सहायक आयुक्त आदिवासी बैतूल को भी दी है। लोक सूचना अधिकारी भीमपुर को आवेदन के साथ मूल पावती संलग्न कर सत्यापित प्रति देने का निवेदन किया है।