बैतूल। बैतूल सेन समाज उत्थान समिति बैतूल द्वारा स्वाथ्य मंत्री मप्र शासन के नाम से जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। इस संबंध में जिलाध्यक्ष शिवनंदन श्रीवास ने बताया कि 14 फरवरी को ग्राम जाम तहसील मुलताई निवासी गर्भवती लक्ष्मी पति अशोक सराठे को प्रसव पीढ़ा होने पर पति अशोक द्वारा आशा कार्यकर्ता को दूरभाष पर संपर्क कर दर्द शुरू होने की बात कही। आशा कार्यकर्ता और एएनएम देरी से पहुंचने के बाद आशा कार्यकर्ता व एएनएम ने जननी वाहन के लिए कई बार कॉल सेंटर कॉल किया लेकिन इसके बाद भी जननी सुबह 3.30 बजे तक गांव में नहीं पहुंची। मजबूरी में अशोक एक निजी वाहन से पत्नी को तड़के मुलताई अस्पताल लाया। अशोक ने अस्पताल में मौजूद एएनएम को बताया कि उसकी पत्नी की हालत गंभीर है इसलिए डॉक्टर को बुलवा ले पर एएनएम ने देखा और बताया कि सुबह 6 बजे तक डिलेवरी हो जाएगी। इस बीच दोबारा प्रसव पीड़ा होने पर लक्ष्मी को लेबर रूम में ले जाया गया वहा वो बेहाश हो गई।
हालत बिगडने पर आनन-फानन में डॉ. रितु खन्ना को सूचना देकर बुलाया गया। डॉ. खन्ना अस्पताल पहुंची उन्होने लक्ष्मी की हालत देखी और तुरंत ही बैतूल रैफर कर दिया। सुबह 6.30 बजे रेफर करने पर जननी वाहन सुबह 7 बजे अस्पताल पहुंचा और उसे बैतूल ले जाया गया, जहां रास्ते में ही लक्ष्मी और गर्भस्थ शिशु ने दम तोड़ दिया। बैतूल जिला अस्पताल में भी मृत महिला के पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को घंटों तक इंतजार करना पड़ा और पोस्टमार्टम का इंतजार करते हुए भटकते रहे। पोस्टमार्टम के लिए भी परिजन ही प्रसूता वार्ड से पोस्टमार्टम रूम तक स्टे्रचर पर खींच कर ले गए। ज्ञापन में मांग है की उक्त प्रकरण में उ”ा स्तरीय निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में पूरनलाल रायपुरे, बंसी सोनपुरे, जयपाल नरेले, भरत झाड़पे, हरि चौहान, भगवान दास बोरकर, गजानन उ”ासरे, चिंटु मदारपुरे, राजमल मालवी, भीम जयसिंगपुरे, आदि उपस्थित थे।