बैतूल। नेहरू युवा केन्द्र संगठन भारत सरकार द्वारा जिले के युवा प्रतिभागियों का पांच दिवसीय युवा नेतृत्व एवं सामुदायिक विकास प्रषिक्षण शिविर के चौथे दिन बौद्विक सत्र में शिक्षाविद् डॉ. कान्त कुमार दीक्षित ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि केवल सोचने से लक्ष्य प्राप्त नही हो सकता, इसके लिए युवाओं को परिश्रम करना होगा। उन्होने समय और अवसर पहचानने पर विस्तारपूर्वक युवाओं को बताया। उन्होने कहा काम छोटा या बड़ा नहीं होता, युवाओं को अपनी योग्यता दिखाते हुए अवसर तलाशने चाहिए। आज के समय हूनर बिकता है। प्रशिक्षण शिविर प्रभारी डॉ. महेश गुंजेले ने बताया कि शिविर के चार सत्र में विषय के विशेषज्ञों द्वारा युवाओं को मार्गदर्शन दिया गया। परिवार परामर्श और सृजन साहित्य कुंज कि अध्यक्ष श्रीमती गुंजन खण्डेलवाल ने कहा कि आज के युवाओ में अपनी भाषा सिखने कि ललक होनी चाहिए हमें अपनी मात्र भाषा और बोली पर गर्व करना चाहिए। परिवार परामर्श की श्रीमती सुमेधा सोमण ने कहा कि युवाओं को अनुभवी व्यक्ति का मार्गदर्शन लेकर प्रयत्न करना नहीं छोडऩा चाहिए।
कौशल विकास एवं प्रबंधन पर सीए धमेन्द्र महेश्वरी ने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार से जुडकर सरकार की योजना का लाभ लेना चाहिए, स्वरोजगार के प्रबंधन पर उन्होने विस्तार पुर्वक बताया। उन्होने जानकारी दी कि, की किस तरह मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में युवा किस प्रकार लाभ लेकर अपना स्वय का रोजगार स्थापित कर सकते है। श्रीमती मंजू चौधरी ने समाज सेवा विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि महिलाओं को अपने अधिकार के प्रति जागरूक होने कि आवश्यकता है महिलाओं को हिम्मत रखकर कार्य करना चाहिए। सभी शिविराथीयों को समूह में बाटकर सामूदायिक विकास में युवाओं की भागीदारी पर चर्चा कि गई । जिसमें गोधना के रामकृष्ण गुजरे ने कहा कि युवाओं को स्व’छ भारत बनाने के लिए ग्राम और शहर को स्व’छ रखना होगा तथा कचरा प्रबंधन के लिए अधिक से अधिक प्रयास करने होगे। राष्ट्रीय सेवा कर्मी स्मिता गायकवाड़ ने कहा कि सामुदायिक विकास के लिए कौशल विकास जरूरी है। राष्ट्रीय सेवा कर्मी अर्पित आर्य ने कहा कि पानी प्रबंधन पर समुदाय को जागरूक करने की आवशयकता है ।
शोभा पंवार ने कहा कि समुदाय विकास में महिलाओं की भागीदारी होनी चाहिए तथा समाज ने उन्हें बराबर मौका देना चाहिए। दीपाली उईके ने कहा कि ग्रामों और शहरो में पर्यावरण संरक्षण और सवर्धन के सतत् प्रयास होने चाहिए । डॉ. महेश गुंजेले ने सामुदायिक विकास पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हमें जल,जंगल,जमीन,जानवर,जन के विकास के लिए पंचजा के सिद्वांत पर कार्य करना होगा तभी सामुदायिक विकास संभव है। शिविर के मार्गदर्षक जिला युवा समन्वयक शिवपाल सिंह राजपूत ने बताया कि 23 फ रवरी को इस पांच दिवसीय युवा नेतृत्व एवं सामुदायिक विकास प्रशिक्षण शिविर का समापन दोपहर दो बजे किया जायेगा । प्रशिक्षण शिविर में सहयोग राष्ट्रीय सेवा कर्मी अर्पित आर्य,गणेश लोखण्डे,किरन बचले, आरती मासोदकर,स्मिता गायकवाड,कृष्णा चौधरी आदि का विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है ।