बैतूल। समरस्ता मंच के तत्वावधान में जिले में अलग-अलग जगह मातृ भाष हिन्दी दिवस मनाया गया। महिलाओं ने जिले के अनेक स्कूलों में पहुंचकर वहां ब”ाों को हिन्दी के महत्व और इसकी गुणवत्ता से अवगत कराया। इस अवसर पर मिनाक्षी शुक्ला द्वारा माध्यमिक शाला अर्जन नगर में ब”ाों को संबोधित करते हुए कहा कि कोयल और तोते में एक मौलिक अंतर है, तोता दूसरों की वाणी बोलता है और कोयल स्वयं की। इसलिए कोयल की बोली ‘यादा कर्णप्रिय मानी जाती है। ऐसे ही हमें अपनी मातृ भाषा हिन्दी को ही अपना कर बोलना चाहिए। नीलम वागद्रे शासकीय स्कूल गर्ग कॉलानी में छात्र-छात्राओं भाषा की तुलना माता के दूध से करते हुए कहा की जैसे मां के दूध का विकल्प नहीं होता है वैसे ही अपनी मातृ भाषा का विकल्प नहीं हो सकता। लता पारधी प्राथमिक स्कूल हमलापुर में ब”ाों से कहा कि अपनी मातृभाषा में ज्ञान प्राप्त करने में सुविधा होती है, परन्तु अंग्रेजी या अन्य भाषा की अधूरी जानकारी होने से ज्ञान प्राप्ती में कठिनाई हो सकती है।
ममता यादव शासकीय नवीन स्कूल भगत सिंह वार्ड छात्र-छात्राओं से कहा कि जिस तरह संस्कृत विलुप्त होने की कगार पर है उसी तरह हमारी अनदेखी से हमारी मातृ भाषा का भी यही हाल हो सकता है। चन्द्रप्रभा चौकीकर भारती स्कूल एवं शासकीय स्कूल हमलापुर उपस्थित ब”ाों से कहा कि मातृ भाषा द्वारा संवाद करने पर हम अपनी बात बहुत अ’छी तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं। चन्द्रकला उइके शासकीय स्कूल घोड़ाडोंगरी छात्र-छात्राओं से कहा कि अपनी भाषा को नजरअंदाज कर दूसरों की भाषा को आत्मसात करना उधारी के संवाद करने जैसा है। श्श्मि साहू शासकीय विद्यालय हमलापुर में ने कहा कि हिन्दुस्तान की पहचान हिन्दी से जुड़ी है, और हमें अपनी यह पहचान बनाए रखनी होगी। इस मौके पर सभी जगह बड़ी संख्या में स्कूल स्टाफ, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।