बैतूल। फूले शाहू आम्बेडकर वरिष्ठ नागरिक जनजाग्रति समिति द्वारा शुक्रवार को आम्बेडकर भवन सदर में सावित्री बाई फुले की पुण्यतिथि पर उनको याद किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सावित्री बाइ फुले के छायाचित्र के समक्ष दीप प्र”ावलित कर एवं पुष्पवर्षा के साथ किया गया। इस मौके पर यूडी चौकीकर ने कहा कि अतिविषम परिस्थ्तितियों सावित्री बाई ने शुद्र तथा अतिशूद्रों के लिए शिक्षा के द्वारा खोले थे। भगवान झरबड़े ने बताया कि वे भारत की प्रथम शिक्षिका थी। डीडी लोखंडे ने कहा कि हिन्दू धर्म में प्रचलित शिक्षा की यह मान्यता थी शिक्षा महिलाओं के लिए नहीं हेाती है यह अधर्म है, उस मान्यता को सावित्री बाई फुले ने महिलाओं के लिए प्रथम पाठशाला खोलकर समाप्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता की एएल चौकीकर, संचालन एमएल पाटिल द्वारा व आभार एनके मांडवे द्वारा व्यक्त किया गया। कार्यक्रम को देवाजी मालवीय, हरिदास गुजरे, सी नागले, एनके मांडवे ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।