बैतूल। देश के अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु के शहीदी दिवस 23 मार्च को शहीद भवन परिसर में स्थित शहीद स्तंभ पर श्रद्धाजंलि कार्यक्रम बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति राष्ट्र रक्षा मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। शाम 6.30 बजे एक पुष्प शहादत के नाम आयोजित कार्यक्रम में समिति के पदाधिकारियों ने अधिक से अधिक संख्या में गणमान्य नागरिको, अधिकारियों,जनप्रनिधियों से पहुंचने की अपील की है। इस दौरान देश के अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
अर्ध रात्रि को दी थी फांसी
23 मार्च 1931 की रात भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की देश-भक्ति को अपराध की संज्ञा देकर फांसी पर लटका दिया गया। कहा जाता है कि मृत्युदंड के लिए 24 मार्च की सुबह तय की गई थी लेकिन किसी बड़े जनाक्रोश की आशंका से डरी हुई अंग्रेज सरकार ने 23 मार्च की रात्रि को ही इन क्रांतिवीरों की जीवनलीला समाप्त कर दी। रात के अंधेरे में ही सतलुज के किनारे इनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। गौरतलब है कि लाहौर षडय़ंत्र के मुक़दमे में भगतसिंह को फांसी की सज़ा दी गई थी तथा केवल 24 वर्ष की आयु में ही, 23 मार्च 1931 की रात में उन्होंने हँसते-हँसते, इन्कलाब-जिंदाबाद के नारे लगाते हुए फाँसी के फंदे को चूम लिया। समिति अध्यक्ष गौरी बालापुरे, सचिव भारत पदम, उपाध्यक्ष रुपाली मालवी, सह सचिव नेहा दरवाई, वरिष्ठ सदस्य जमुना पंडागे्र, मंजू लंगोटे, शिखा बारस्कर, रितु यादव, ईश्वर सोनी, अरुण सूर्यवंशी, सुदामा धोटे, संजय मालवी, पूजा दरवाई, ऋषभ यादव, रजत यादव, रुही झरबड़े, भारती झरबड़े, ने अधिक से अधिक संख्या में कार्यक्रम में पहुंचने का आग्रह शहरवासियो से किया है।