30 सूत्रीय मांगों को लेकर, दिया ज्ञापन
बैतूल। मप्र कर्मचारी कांग्रेस के तत्वावधान में सत्याग्रह व एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर जिलाध्यक्ष सुश्री शकुंतला शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम से जिला प्रशासन बैतूल को 30 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। जिला अध्यक्ष शकुंतला शर्मा ने बताया कि संघ अपनी मांगों को लेकर काफी समय से संघर्षरत् है और शासन इनपर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं ले रहा है। इस अवसर पर अधिकारी कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष के एल ठाकुर ने कहा कि विभागाध्यक्ष, जिला एवं तहसील स्तर पर गठित संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठकें अनिवार्य रूप से तीन माह में की जाए और आयोजित न होने की दशा में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करने की बात कही। ज्ञापन सौंपते समय तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के सुंदरलाल चौरे, लिपिक वर्ग संघ से एमके भटकरे, दैवेभो संघ से वंदना पारधे, अपाक्स से एसआर केवटे, अजाक्स से अनिल कापसे, शिक्षक अध्यापक महासंघ से सोहनलाल राठौर, जयवंती ढोलेकर, प्रमीला राजने, वंदना पारधे, रिता बेलकर, जाग्रति बिसंदे्र आदि उपस्थित थे।
ज्ञापन में ये थी मांगें
इस 30 सूत्रीय ज्ञापन में प्रमुख रूप से वेतनमान 5000-8000 एवं 5500-9000 में ग्रेड पे रूपये 3200 एवं 3600 के स्थान पर केन्द्रीय सरकार तथा छग सरकार के समान ग्रेड पे रूपये 4200 की जाए एवं वेतनमान रूपये 6500-10500 में ग्रेड पे रूपये 4200 के स्थान पर 4800 दी जाए, दुग्ध महासंघ में ठेका श्रमिकों की सेवाएं नियमित की जाए, 51 सूत्रीय मांगों के संबंध में दिए आश्वासन को पूर्ण करे, अधिकारी एवं कर्मचारीगणों पर लागू वृत्तिकर समाप्त कर दिए, सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से 65 वर्ष की जाए, 2003 से 2012 तक ऐरियर राशि का नगद भुगतान किया जाए, अग्रवाल वेतन आयोग की कर्मचारी हितेषी मांगों को लागू किया जाए, दैवेभो कर्मचारियों से नियमित हुए कर्मचारियों के द्वारा की गई सेवा पेंशन के लिए गणना में लिया जाए, पेंशनर्स को एरियर्स का भुगतान किया जाए, अध्यापकों को नियमित कर्मचारी के समान वेतनमान एवं अन्य सुविधायें प्रदान की जाए, प्रदेश के सभी शिक्षकों को केन्द्र के समान वेतनमान दिया जाए, लिपिकों की वेतन विसंगति को दूर किया जाए, प्रदेश के अधिकारियों को और कर्मचारियों को 200 रूपये प्रतिमाह चिकित्सा भत्ता दिया जाए, अमान्य अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों पर पूर्व विचार कर सभी अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाए, अध्यापक सवंर्ग की स्वै’िछक स्थानांतरण नीति जारी की जाए, अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाए, संविदा शाला शिक्षकों का वेतन दो गुना किया जाए, अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों की मृत्युपरांत उसके आश्रित को दी जाने वाली अनुकंपा नियुक्ति में बी.टी.आई. एवं बी.एड. की अनिवार्यता समाप्त की जाए आदि के समाधान की बात कही गई है।