बैतूल। जिला अभिभाषक संघ बैतूल द्वारा महामहीम राष्ट्रपति के नाम से जिला एवं सत्र न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के संबंध में संघ के अध्यक्ष अवध हजारे ने बताया कि देश के समस्त अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता को छीनने के लिए अधिवक्ताओं के विरूद्ध अनुशासनात्म कार्यवाही के लिए सरकार के स्वतंत्रता आयोग बनाने का निर्णय व उसकी प्रक्रिया के विरूद्ध मप्र रा’य अधिवक्ता परिषद ने लॉ कमिशन के पास अपना विरोध दर्ज कराया था व यह निवेदन किया था कि अधिवक्ताओं के अनुशासन के आदेश अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 35 के तहत परित किए जाते हैं। उसकी अपील अंतिम तौर पर उ”ातम न्यायालय निराकृत करती है, इसलिए इसमें कोई हस्ताक्षेप की जरूरत नहीं है।
न्याय पालिका व विद्यायिका दोनो को अभिभाषकों की स्वतंत्रता में हस्ताक्षेप की विधिक एवं नैतिक आवश्यकता नहीं हैं लेकिन उक्त सुझाव को लॉ कमिशन ने नहीं मानते हुए अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता को छिनने के लिए एक न्याय पालिका व विधायिका से जुड़े व्यक्तियों का आयोग बनाने का सुझाव दिया है। व्यंकट चलईया एवं लक्ष्मण आयोग की सिफारिस न्यायपालिका ने नहीं मानी सरकार ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता समाप्त करने की प्रक्रिया का जिला अधिवक्ता संघ बैतूल कड़ा विरोध करता है। ज्ञापन में कमीशन रिपोर्ट तुरंत वापस करने की सलाह संबंधित को देने का निवेदन किया है।