बैतूल। जेएच कॉलेज में व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के तत्वावधान में पर्यावरण को प्रदुषण से मुक्त करने हेतु एक कार्यशाला संपन्न हुई। जिसमें आर्ट ऑफ लिविंग संस्था की श्रीमती जयश्री शाह द्वारा घरों से निकलने वाले कचरे विशेष रूप से फलों व सब्जियों के छिलकों से ईको एंजाईम बनाने की विधि छात्रों को बतलाई गई। तीन माह में तैयार होने वाला यह एंजाईम घरों में फर्श की सफाई, टॉयलेट की सफाई के साथ उर्वरक का भी कार्य लिया जा सकता है। श्रीमती शाह एंजाईम बनाने की विधि को डिमांस्टे्रट करते हुए उसकी उपयोगिता के विडियो के माध्यम से विद्यार्थियों को इसके लाभ बताये। प्राकृतिक कृषि विशेषक केशव व्यास द्वारा भी ईको एंजाईम की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए एंजाईम की एक लीटर की बॉटल माइक्रोबायोलॉजी विभाग को भेंट की जिससे इसके भौतिक गुणों का अध्ययन भी किया जा सके। प्रकोष्ठ संयोजक डॉ. अल्का पांडे ने सभी छात्रों से अपील की, कि वे अपने घरों के कचरे से एंजाईम तैयार करें। प्रोजेक्ट में बीएससी छटवें सेमेस्टर के विद्यार्थी भी शामिल हैं। इस प्रकार 200 लीटर एंजाईम निर्मित करने का लक्ष्य रखा गया है। नगर पालिका की अनुमति के पश्चात इसे काशी तालाब में छोड़ा जाएगा। कॉलेज प्राचार्य डॉ. सतीश जैन ने इस नवाचार की प्रशंसा की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अल्का पांडे द्वारा व आभार प्रकोष्ठ सदस्य डॉ. रमाकांत जोशी द्वारा व्यक्त किया गया।
