बैतूल,(रामकिशोर पंवार): मध्यप्रदेश के ताप्तीचंल में बसे बैतूल जिले में जिला प्रशासन द्वारा कुपोषण मिटाने करोड़ों रूपए पानी की तरह बहाए जा रहे हैं। इसके बाद भी एक के बाद एक कुपोषण के मामले सामने आ रहे हैं। आमला ब्लॉक के ग्राम कलमेश्वरा के सिंगली मगरई ढाने के अतिकुपोषित बच्चे को जिला चिकित्सालय के पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती किया है। ढाई वर्ष की बच्ची का वजन सिर्फ लगभग छह किलो है। सिंगली मंगरई ढाना निवासी दीपक आदिवासी ने बताया कि उसकी ढाई वर्ष की बच्ची अर्चना का वजन लगातार कम होते जा रहा है और स्वास्थ्य भी बिगड़ रहा है।
गांव में इलाज कराने के बाद भी बच्ची को आराम नहीं लगा। किसी ने भी पोषण पुनर्वास केन्द्र की जानकारी नहीं दी। उन्होंने बताया कि क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी गांव मे कभी नहीं अती है। कुछ दिन पहले ही पोलियो की दवा भी पिलाई थी। इस दौरान भी किसी ने नहीं बताया। पीडि़त बच्चे के इलाज के लिए उसके परिजन उसे जिला मुख्यालय के नीजी चिकित्सालय लाए थे। डॉक्टर ने उसे एनआरसी केन्द्र पहुंचाया है। वहीं विभाग को अति कुपोषित बच्चे नहीं मिल रहे हैं। कुपोषित बच्चे का इलाज भी झोलाछाप डॉक्टरों ने किया। निमोनिया होने पर सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं कराया। झाड़ फंूक से गांव और आसपास इलाज कराया। वहीं सांस चलने पर पेट में डमे लगाए हैं।