बैतूल। अपने धरने के 954 दिन व जल सत्याग्रह के 260 दिन पूर्ण कर चुके 72 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक बीआर घोरसे ने अपने धरना स्थल पर एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होने कई दफा प्रदेश के मुख्यमंत्री, रा’यपाल, राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन के माध्यम से अपनी पीढ़ा व्यक्त की है। परन्तु किसी ने भी मानवीय दृष्टीकोण दिखाते हुए एक गरीब शिक्षक के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए उनके प्रकरण को संज्ञान में नहीं लिया है।
जिससे दुखी होकर उन्होने फैसला किया है कि वे अब से केन्द्र व रा’य मंत्रियों के कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे। बैठक में उपस्थित शिक्षक अध्यापक महासंघ जिलाध्यक्ष सोहनलाल राठौर ने कहा कि 954 दिन बाद भी एक शिक्षक को न्याय नहीं मिलना इससे साबित होता है कि सत्ता के सामने विपक्ष निर्बल है और प्रजातंत्र में विपक्ष के निर्बल होने पर आम जनता को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। इस मौके पर सत्तार भाई, विकास, कैलाश, लक्ष्मी बाई, अशोक राठौर, पंडरी ढांगे, अनिल दादू, शिव आदि उपस्थित थे।