बिना सरकारी मदद के आम जन सहयोग से होगा ताप्ती – पूर्णा का उद्धार
बैतूल,(मध्यप्रदेश): मध्यप्रदेश के महाराष्ट्र से लगे सीमावर्ती जिलो से बना ताप्तीचंल एवं पूर्णाचंल में अब नर्मदा समग्र अभियान की तर्ज पर ताप्ती पूर्णा समग्र अभियान का श्रीगणेश भैसदेही में मां पूर्णा के जन्मस्थान काशी तलाब स्थित पूर्णा मंदिर से किया गया। दोनो अभियानों में फर्क सिर्फ इतना रहेगा कि यह बिना किसी सरकारी – देशी – विदेशी चंदे तथा किसी बड़ी नामचीन हस्ती के संरक्षरण के बिना ही संपादित होगा। उल्लेखनीय है कि सासंद अनिल दवे के एनजीओं के रूप में नर्मदा समग्र अभियान चल रहा है जिससे प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर अन्य भाजपाई तथा भगवा संगठन जुड़े हुए है। बैतूल जिले की मुलताई- बैतूल – भैसदेही तहसील में संपादित होने वाले इस अभियान में दोनो नदियों के प्रभाव एवं बहाव क्षेत्र में उक्त कार्य को ताप्ती – पूर्णा समग्र अभियान की स्थानीय इकाई संपादित करेगी। मुख्यमंत्री के भैसदेही तहसील में आने के ठीक दस दिन पूर्व शुरू हुए|
इस अभियान के लिए मां सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति मध्यप्रदेश के बैनर तले पूरी कार्य योजना को लेकर पहुंचे समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर पंवार एवं पूर्णाचंल के प्रमुख पंडित श्याम नारायण तिवारी के साथ पूर्णा मंदिर में पूजा अर्चना कर मां पूर्णा का आहवाण किया गया कि वे इस अभियान को जन – जन तक पहुंचाने में सहभागी बने। इस अवसर पर पूर्णा समग्र अभियान ग्राम पोहर के प्रमुख बाबूराव गीद, पूर्णा मंदिर के पंडित सग्रया यादव , मां पूर्णा के भक्त एवं पूर्णा अभियान के प्रचारक गेंदाराव दहीकर , कौड़ीढाना ग्राम पंचायत प्रमुख दिनेश महाले सहित एक दर्जन से अधिक ग्रामिणो ने अभियान के श्री गणेश कार्यक्रम में भाग लिया। इस अभियान के तहत आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले में बैतूल जिले में स्थित भैसदेही तहसील के प्राचिन नगर पुष्पकरणी (पोखरणी) से निकलने वाली चंद्रपुत्री मॉ पूर्णा के जल को रोकने के लिए चलाये गये पूर्णा नदी पुर्नजीवन अभियान को गति मिल सकेगी। प्रतिदिन नदी के दोनो किनारे स्थित गांवो में सुबह शाम महाआरती , बोरीबंधान, जल कटाव, जल प्रदुषण की रोकथाम के लिए लोगो में जागरूकता , नदियों के मान – सम्मान के प्रति लोगो को प्रेरित करना प्रमुख कार्य रहेगा। पूर्णाचंल में भैसदेही विकासखंड की तेरह ग्राम पंचायतो के 22 ग्रामों चिचोलीढाना , काटोल, बरहापुर, नवापुर, पोहर, धामनगॉव, पिपरीया, चिल्कापुर, रामाघाटी, कौडी, पलासपानी, सिवनी, भिंकुड सहित अन्य गांवो में प्रथम चरण में ताप्ती -पूर्णा समग्र अभियान से लोगो को जोडऩे के लिए ग्राम स्तर पर ग्राम प्रमुख की नियुक्ति की जाएगी।
ग्राम प्रमुख के साथ पूरे गांव के उन लोगो को जोडऩे का प्रयास किया जाएगा जो कि नि:स्वार्थ होकर मां पूर्णा के लिए कार्य करेगें। उल्लेखनीय है कि पूर्णा नदी के पुर्नजीवन के लिए केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के अनुदान से 64 करोड़ की योजना का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा पिछले वर्ष बैतूल जिले के प्रवास के समय की थी लेकिन इस योजना में फैले भ्रष्ट्राचार ने पूर्णा पुर्नजीवन को ही असमय काल के गाल का निवाला बना दिया। पूर्णाचंल प्रमुख पंडित श्याम नारायण तिवारी के अनुसार अपने परिश्रम से क्षेत्र के वासी इस समग्र अभियान के तहत बिना किसी सरकारी मदद एवं राजनैतिक दलो की महत्वाकांक्षा से हट कर काम करेगें। इसी तरह मुलताई से रहटिया तक ताप्ती नदी के दोनो छोरो पर बसे गांवो के लोगो को ताप्ती समग्र अभियान से जोड़ा जा रहा है। दोनो ही नदियों के समग्र अभियान का केन्द्र बिन्दु शिवधाम बारहलिंग को बनाया जाएगा।