बैतूल। जिले के चिन्हित महाविद्यालय में साइंस फोरम, कामर्स एवं मानविकी क्लब के सहयोग से संप्रेषण प्रयोगशाला में एक दिवसीय शोध प्रविधि पर प्रशिक्षण संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण के मुख्य वक्ता अर्थशास्त्री डॉ गणेश कावडिय़ा प्रध्यापक एवं विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,यूजीसी प्रकोष्ट के प्रभारी इंदौर के थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ सुभाष लव्हाले ने की। डॉ गणेश कावडिय़ा द्वारा मां सरस्वती की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर माल्र्यापण कर कार्यक्रम का शुभआरंभ हुआ। संगीत विभाग द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।
मुख्य वक्ता श्री कावडिय़ा का स्वागत प्रो आरपी वर्मा, डॉ विजेता चौबे, डॉ यशपाल मालवीय, प्रो जीआर राने द्वारा किया गया। डॉ सुभाष लव्हाले ने प्रारंभ में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि जेएस कालेज के शोध कार्य लगभग 30 वर्षो से चल रहा है। रिसर्च में लगभग 30 वर्षो से सभी विषयों में लगभग 100 थिसिस हुई है एवं लगभग 700 शोध पत्र प्रकाशित हुऐ है। प्राचार्य के अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि अगले दो दशक में महाविद्यालय में 300 थिसिस एवं 1500 रिसर्च पेपर प्रकाशित हो ऐसा मेरा लक्ष्य है। प्राचार्य डॉ एसबी हसन ने बताया कि श्री कावडिया द्वारा 9 पुस्तकें 46 शोध पत्र, 25 शोघार्थी को पीएचडी की डिग्री दिलवा चुके है एवं अंतर्राष्टीय संगोष्ठी में शिरकत भी कर चुके हैं।
डॉ महेन्द्र गिरी ने कहा की जेएच कॉलेज शोध के क्षेत्र में उत्तरोउत्तर प्रगति कर रहा है। इसके पश्चात मुख्य वक्ता डॉ कावडिय़ा द्वारा रिसर्च मेथोडोलाजी को बड़े ही सरल शब्दों एवं उदाहरण देकर शोध छात्रों को क्रमवार शोध प्रविधि पर उनका लेक्चर हुआ, जो कि शोध छात्रों के लिए अतिउपयोगी साबित हुआ। इसके बाद द्वितीय चरण में प्रश्नोउत्तरी का क्रम चला श्री काकोडिय़ा द्वारा प्रश्रों का बड़े ही रोचक ढंग से समाधान किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ एसबी हसन, महेन्द्र गिरी, राकेश तिवारी,डॉ विजेता चौबे, प्रो खेमराज मगरदे, प्रो यशपाल मालवीय, प्रो दाबाड़े, प्रो कदवाने, प्रो सलिल दुबे, स्पोर्टस अधिकारी श्री झारिया, आमला कॉलेज के प्राचार्य जीआर डोंगरे, आठनेर कॉलेज की प्राचार्य सरोज पाटिल, मुलताई कॉलेज से मेडम बारस्कर, प्रो अर्चना मेहता, प्रो अर्चना सोनारे, डॉ ममता, डॉ अल्का पांडे, डॉ ज्योति शर्मा, डॉ धमेन्द्र कुमार, प्रो जीआर राने, प्रो निरापुरे, डॉ पीके मिश्रा रसायन, डॉ प्रमोद मिश्रा एवं बड़ी संख्या में शोध पत्र छात्र-छात्राऐं एवं प्राध्यापक उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन डॉ खेमराज मगरदे एवं राकेश तिवारी द्वारा एवं आभार डॉ विजेता चौबे द्वारा व्यक्त किया गया।