बैतूल। संसार में अड़चन और परेशानी ना आये यह कैसे हो सकता है? लेकिन सप्ताह में एक दिन रविवार भी तो आएगा। जिंदगी में अगर दुख ना हो तो प्रमु को कोई याद ना करेगा। जिन्दगी केवल चार दिनों की है, दो दिन आरजु और दो दिन इंतजार में कट जाते हैं। चार दिन की जिन्दगी में इंसान अकड़ता है। अपने होशो हवास में कु छ सत्कर्म अवश्य कर लिजिये मृत्यु के बाद तुम्हारी आत्मा की शांति के लिए औरों को प्रार्थना ना करना पड़े, क्योंकि औरें के द्वारा की गई प्रार्थना काम आये ना आये। मन की भूमि में ऐसे बीज मत बोना की कल काटते समय आंशु आये। उक्त उद्गार शंकर नगर में आज प्रथम दिवस श्रीमद भागवत कथा में पंडित सुखदेव शर्मा ने व्यक्त किए। कथा में पीठ पूजन कर्ता पंडित नरेन्द्र दुबे बनारस, व्याकृणाचार्य व परायण कर्ता पंडित विद्यासागर दुबे इलाहबाद पधारे हैं।
कथा संगीत कोयल कंठ मुकेश साहू, मदन पाटिल के साथ आरगन पर पवन संगत दे रहें हैं।श्री शर्मा ने भागवत महत्व बताते हुये कहा भागवत भाग्य का उदय होने पर मिलती है। लक्ष्मी पुण्य से मिलती है। मेहनत से मिलती तो मजदूरों के पास क्यों नहीं, बुद्धि से मिलती तो पंडितों के पास क्यों नहीं? जिंदगी में अच्छी संतान,संपत्ति और सफलता पुण्य से मिलती है। अगर हम चाहते है कि हमारा इहलोक और परलोक दोनेा सुधर जाये तो पूरे दिन में कम से कम दो पुण्य जरूर करिये, जो मिला उसमें संतोष रखिये। कथा के आयोजक मुन्नालाल साहू, नंदु मामा, भोला भैया, सुरेश घोडक़ी, यशवंत सूर्यवंशी, श्री दीवान, उब्बु सेठ, मामा मालवीय, श्रीमति पूर्णा वर्मा, महिला मंडल, मंदिर समिति के समस्त सदस्य पदाधिकारियों ने भक्तों से अधिक सेअधिक संख्या में पधारने की अपील की है।