बैतूल। समस्त आदिवासी समाज संगठन द्वारा श्रीलंका में आयोजित हुए 15 वें साउथ एशियन चैंपियनशिप गेम्स की मार्शल आर्ट स्पर्धा में बैतूल की 2 आदिवासी बेटियों ने गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतने वाली छात्राओं का शील्ड और शाल-श्रीफल देकर किया सम्मान। इन छात्राओं के अलावा उनके माता-पिता,छात्रावास अधीक्षक व क्रीड़ा अधिकारी का भी सम्मान किया गया। गोल्ड मेडल जीतने वाली छात्रा के पिता स्वरुप मर्सकोले मजदूर हैं। दोनों छात्राएं आदिवासी क्रीड़ा परिसर में रहकर पढ़ाई कर रही है। मार्शल आर्ट जीत कुनेडो में बैतुल की आदिवासी छात्राओं ने श्रीलंका के कैडी शहर में हुए इस स्पर्धा में छोटे से गाँव बोंदरी की निवासी रीना मर्सकोले ने अंदर-15 साउथ एशियन गेम्स में पकिस्तान की खिलाड़ी सारा खान को हराकर पहेली बार गोल्ड मैडल जीता। रीना के अलावा बैतूल की ही दीक्षा अखंडे ने भारत के लिए सिल्वर मैडल हासिल किया।
अजाक विभाग के क्रीड़ा अधिकारी केके कहार ने बताया की श्रीलंका के कैडी शहर में आयोजित साउथ एशियन गेम्स में प्रदेश से 3 खिलाड़ी शामिल हुए थे। इनमे से एक बालक व 2 बालिकायें थी। आदिवासी समाज के युवा विंग के मनीष कुमार धुर्वे ने बताया की समारोह के दौरान गोंडवाना सम्रा’य की महारानी रानी दुर्गावती 24 जून के बलिदान दिवस की तैयारी को लेकर चर्चा की गई। समस्त आदिवासी संगठन के विस्तार को लेकर विमर्श किया गया। रानी दुर्गावती प्रतिभा सम्मान और 10वीं और 12 वीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्राओं का सम्मान धूम-धाम से करने का निर्णय लिया गया। आदिवासी समाज संघठन की बैठक में अध्यक्ष शंकरसिंह पेन्द्राम,सरवन मरकाम,शंकरसिंह अहांके,मनीष कुमार धुर्वे,दिलीप धुर्वे,मन्नू धुर्वे,समर सरियाम,जितेन्द्रसिंह इवने,राजू वरकड़े,सुन्दरलाल उइके,लोकेश शाह कुमरे,सोहनलाल धुर्वे,पार्षद श्रीमती दुर्गा उइके,श्रीमती शशि वाड़ीवा,श्रीमती मालती कुमरे आदि थे।