बैतूल। 22 जुलाई , सृजन साहित्य कुंज की मासिक बैठक डॉ. माधवी ठाकुर के निवास पर हुई, जिसमें गंभीर कविताओंं से लेकर गुदगुदाने वाली कविता का पाठ हुआ. गोष्ठी के प्रारंभ में बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति के तत्वावधान में जैसलमेल सीमा पर सैनिकों को रक्षा बंधन पर राखी बांधने जा रहे ग्रुप में शामिल सृजन साहित्य कुंज की साथी मंजू लंगोटे प्रसाद एवं प्रतिभा देशपांडे को उनके सुखद यात्रा की शुभकामना देते हुए संस्था की ओर से बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति को 501 रुपए की सहयोग राशि देने का निर्णय लिया. मंजू लंगोटे की काव्य रचना ग्वालियर एवं रायपुर की पत्रिकाओं में प्रकाशित होने पर उन्हें बधाई दी.
काव्य गोष्ठी में सरोजिनी कावले की रचना वॉह सावन कितना सुहाना, गुंजन खंडेलवाल की रचना एक नया जहां, मंजू लंगोटे प्रसाद की, जी करता है बच्चा बन जाऊं, अरूणा पाटनकर की, कृष्ण कन्हैया पर धन्य भाग्य हमारे जो तुम्हे निहारुं, विद्या निरगुड़कर की मेघालय के मेघ कविता, मीरा एंथोनी की नारी पर केंद्रित कविता तितली तथा प्रतिभा देशपांडे की, वो और मै, मै उन्हें अच्छी लगती हूं, जैसी हूं वैसी ही. रचनाओं का पाठ किया. गोष्ठी के दौरान शशि खंडेलवाल ने हंसी की फुहारे बिखेरी तो डॉ. माधवी ठाकुर ने एक्यूपे्रशर तथा नैचरोपैथी एवं फिजियोथैरेपी के कुछ आसान उपचार बताए. सृजन साहित्य कुंज अध्यक्ष गुंजन खंडेलवाल ने सभी का आभार माना.