अब तक पहुंचाए गए 129 नि:शक्तों के घर उपकरण नि:शक्तों के हित में उठे अनेक कदम
बैतूल दिनांक 7 फरवरी 2013
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर की पहल पर जिले में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा नि:शक्तों के लिए नि:शुल्क दिए जाने वाले सहायक उपकरणों की घर पहुंच सेवा प्रारंभ की गई है। इस व्यवस्था के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में दूर दराज के गांवों में रहने वाले नि:शक्तों को सहयोगी उपकरण लेने सरकारी दफ्तरों अथवा किसी कार्यक्रम तक नहीं आना पड़ता। अपितु विभागीय वाहन उनके घर पहुंच कर आवश्यक सहायक उपकरण घर पर ही उपलब्ध कराता है।
इस व्यवस्था के जरिये अभी तक 25 ट्रायसिकल, 20 बैसाखी, 19 व्हील चेयर, 33 श्रवण यंत्र एवं 32 मोबेलिटी केन नि:शक्तों के घरों पर उपलब्ध कराई गई है। विकासखंड घोड़ाडोंगरी के ग्रामी नीमपानी के 52 वर्षीय अस्थिबाधित श्री सालकराम गोपी को व्हील चेयर प्राप्त होने से वे अब अपने कार्य स्वयं करने में सुविधा महसूस करते हैं। साथ ही दूसरों के प्रति उनकी निर्भरता कम हुई है।
स्पर्श अभियान अंतर्गत 24053 नि:शक्त सर्वेक्षित
सामाजिक न्याय विभाग की उपसंचालक श्रीमती सुचिता बेक तिर्की ने बताया कि जिले में स्पर्श अभियान अंतर्गत 24 हजार 53 नि:शक्त सर्वेक्षित किए गए हैं, जिनमें शहरी क्षेत्रों में 2985 एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 21 हजार 68 नि:शक्त सर्वेक्षित हैं। इन नि:शक्तों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाकर नि:शक्तता प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही स्पर्श कार्ड प्रदान किए जा रहे हैं। चिकित्सकों की अनुशंसा अनुसार नि:शक्तों को सहायक उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं।
वितरित सहायक उपकरण
स्पर्श अभियान के तहत सर्वेक्षित 669 नि:शक्तों को ट्रायसिकल, 360 को बैसाखी, 293 को व्हील चेयर, 986 को श्रवण यंत्र एवं 400 को मोबेलिटी केन प्रदाय की जा चुकी है।
कृत्रिम अंग प्रदाय
स्पर्श अभियान अंतर्गत दो जिला स्तरीय शिविर आयोजित कर 39 कृत्रिम अंग एवं 42 केलीपर्स भी नि:शक्तों को प्रदाय किए गए हैं।
घुटना दर्द निवारण
इसी तरह जिला मुख्यालय पर घुटना दर्द निवारण शिविर आयोजित किया जाकर 180 लोगों को नी ब्रेस भी प्रदान किए गए हैं।
दृष्टिहीन को टेप रिकार्डर
दृष्टिहीन छात्र/छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु अध्ययन (नोट्स) बनाने के लिये टेप रिकार्डर प्रदान किए जा रहे हैं। इस वर्ष 25 दृष्टिहीनों को टेपरिकार्डर प्रदान किए गए हैं।
मेगा शल्य चिकित्सा
ऐसे नि:शक्तजन जिनका उपचार कराकर उनकी नि:शक्तता की मात्रा कम या दूर की जा सकती है, उनकी चिकित्सक की अनुशंसा पर लाइफ लाइन एक्सप्रेस में 7 नि:शक्तजनों को, बालाजीपुरम शिविर में 3 नि:शक्तजनों एवं जयप्रकाश अस्पताल भोपाल में 6 अस्थिबाधित नि:शक्तजनों की शल्य चिकित्सा कराई गई।
समा. क्रमांक/26/125/02/2013