15 अगस्त पर सुभाष सेना ने किया अनूठा आयोजन
बैतूल। हमें आजादी मिले 70 वर्ष हो गए हैं, लेकिन वो अभी अधूरी है, आज प्रदर्शनी में जो 70 लोग प्रतीकात्मक रूप में बैठें हैं उन्हें आज तक न्याय अप्राप्त है, ऐसे ही भारत में लगभग 3.5 करोड़ लोग है जिनके प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं। यह बात मानव अधिकार सलाहकार प्रो. स्वराज भारती ने भारतीय सुभाष सेना के तत्वावधान में 15 अगस्त, को शहीद भवन बैतूल में कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए। प्रो. स्वराज भारती ने बताया कि भारत का प्रस्तावना दिवस 26 नवम्बर 1949 को भारत की जनता ने स्वयं को समर्पित किया है। इसी कड़ी में हम इंडियास कॉल, जस्टीस फार ऑल (आईसीजेएफए) के माध्यम से 26 नवम्बर 2017 को कैम्पैन चलाकर पीडि़तों को न्याय दिलवाने का प्रयास किया जाएगा। इस मौके पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जीवन पर आधारित सुभाष सीक्रेट नामक पुस्तक के लेखक क्रांति महाजन ने कहा कि नेताजी के विषय में बहुत सी अदभुत जानकारी से अवगत कराया। बीआर धोटे, अंश सेवा समिति की अध्यक्ष सावी मालवी ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया। सेना के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रवक्ता पवन मालवी ने बताया कि इस प्रदर्शनी में सिस्टम से तंग बुजुर्गो को बैठाया गया था। वैसे तो यह प्रदर्शनी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जीवन वृत को चित्रित करने लगाई गई थी लेकिन भारतीय सुभाष सेना ने बुजुर्गो को भी प्रदर्शनी में यह जताते हुए प्रदर्शित किया की जिस तरह नेताजी को आज तक अपनी जीवित होने या न होने का लेकर न्याय नहीं मिल पाया है वैसे ही ये बुजुर्ग भी हैं जो सिस्टम से वर्षो से लड़ रहें हैं। श्री मालवी ने सवाल उठाया कि जो 15 अगस्त 1947 से लेकर सत्ता हस्तांतरण के विषय में पारदर्शिता को लेकर सरकारें चुप क्यों हैं? कार्यक्रम में पीडि़तों को धैर्यता सम्मान व कांति महाजन को सुभाष गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।