बाल गोपाल ने फोड़ी मटकी, खाया माखन
बैतूल। माचना नगर, शंकर वार्ड ,बैतूल में चल रही के पांचवे दिन आज बाल गोपाल बने नन्हे तन्मय शुक्ला ने आज मटकी फोडक़र कृष्ण की जीवंत कथा अपनी नटखट अदाऐं और रूप से भागवत कथा में चार चांद लगा दिए। भागवत कथा में ययोदा का अपना ममतामयी ह्रदय की जो व्याख्या कथा में कथा वाचक पंडित सुखदेव शर्मा द्वारा बताई गई, यह आधुनिक युग की माताओं में बच्चों को संस्कारित कैसे किए जाए और उनके नटखट हरकतों का कैसे मनोरंजन एवं आनंद उठाये जाए व उनकी उन्नति के लिए उन्हें समय समय पर शिक्षा देते हुए इस युग में कृष्ण लीला समाप्त नहीं किन्तु कृष्ण और यशोदा की कमी हजारों वर्ष उपरांत आज भी भागवत के माध्यम से महसूस की जा रही है।
इस व्यस्त जीवन में पाश्चात्य सभ्यता का कोठाराघात हमारे भारतीय संस्कृति के अमूल्य धरोहर जिसके एक-एक शब्द में हजारो व्याख्याऐं है, जिसे मनुष्य के समझ पाना कठिन है। कथा में पीठ पूजन कर्ता पंडित नरेन्द्र दुबे बनारस, व्याकृणाचार्य व परायण कर्ता पंडित विद्यासागर दुबे इलाहबाद पधारे हैं। कथा संगीत कोयल कंठ मुकेश साहू, मदन पाटिल के साथ आरगन पर पवन कुमार संगत दे रहें हैं। कथा के आयोजक मुन्नालाल साहू, नेकराम आर्य, मामा मालवीय, हरीओम शुक्ला, राकेश आइजेक, श्रद्धा शुक्ला, महेश शुक्ला, राजनारायण शुक्ला, डब्बु सेठ, यशवंत सूर्यवंशी, पूर्णा बाई वर्मा, महिला मंडल ने सभी से कथा में पधारने का अनुरोध किया है।