सेन महाराज की पुण्यतिथि आज
बैतूल। सेन समाज के आराध्य संत सेन महाराज की 584वीं पुण्यतिथि बैतूल सेन समाज उत्थान समिति बैतूल द्वारा सेन चौक पर मनाई । कार्यक्रम का प्रारंभ सेन महाराज के छायाचित्र पर माल्यापर्ण और दीप प्र”ावलन के साथ किया गया। इस मौके पर समिति के जिलाध्यक्ष शिवनंदन श्रीवास ने कहा कि जब-जब भारत भूमि पर आदमी अज्ञान के अंधेरे में भटका है, तब-तब इस पवित्र धरती पर महान आत्माओं ने जन्म लेकर ज्ञान की रोशनी बिखेरी है। जिससे मनुष्य जाति सही रास्ते पर चल सके और जीवन सार्थक बना सके। ये आत्माएं मनुष्य के रूप में धरती पर जन्मी, मगर इनके सत्कर्मों के कारण इनको भगवान का दर्जा देकर पूजन शुरू कर दिया। लगभग पांच सौ वर्ष पहले इस धरती पर एक महान संत सेन महाराज का अवतरण हुआ। इमरत लाल सोनपुरे ने कहा कि सेन महाराज ने पवित्र एवं सात्विकता के साथ-साथ अत्यंत प्रभावपूर्ण व मार्मिक संदेशों से लाखों लोगों में एक नवीन आत्मविश्वास और चेतनारूपी ऊर्जा को प्रवाहित किया। सेन महाराज का व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली हो गया था कि जनसमुदाय स्वत: ही उनकी ओर खिंचा चला आता था। पूरनलाल रायपुरे ने कहा कि सेन महाराज का जीवन स्वजातीय कर्म, साधु सत्संग और ईश्वर आराधना में व्यतीत होता था। ये साधु सत्संग प्रेमी थे। इनकी विशेषताएं मानव जीवन के लिए अनमोल रत्न हैं। मध्यकाल के संतों में सेन महाराज का स्थान इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इन्होंने भारतीय संस्कृति के अनुरूप जनमानस को शिक्षा और उपदेश के माध्यम से एकरूपता में पिरोया। कार्यक्रम में बंशीलाल सोनपुरे, रामप्रसाद मन्नासे, ओमप्रकाश श्रीवास, संजु श्रीवास, रामेश्वर श्रीवास, भीम जयसिंगपुरे, जयपाल नरेले, कमल किशोर श्रीवास, शैलेन्द्र श्रीवास, मधु रायपुरे, भगवान दास बोरकर, गजानंद उ’चसरे, घनश्याम श्रीवास, राहुल मालवी आदि मौजूद थे।