बैतूल। मंगल भवन बैतूल में आदिवासी समाज की सामाजिक सांस्कृतिक, धार्मिक, रूढि़प्रथा से सम्बंधित व वर्तमान ‘वलंत मुद्दों पर विचार संगोष्ठी संपन्न हुई। इस मौके पर समाज के राजू वरकड़े ने कहा की गोंड सम्राट रावण हमारे आराध्य व पू’य है इनकी पूजा-अर्चना आज भी होली के त्यौहार में हर गाँव में होती है,रावण देवता हमारी संस्कृति और धर्म में शामिल है। इसलिए रावण को जलाने की पद्धति को सम्पूर्ण भारतवर्ष में रोका जाए और कहा गया की वर्तमान समय के भ्रष्ठ और बलात्कारी बाबाओं के पुतले जलाए जाएं। राजकुमार ककोडिय़ा ने कहा की हमारे समाज में और गाँव-गाँव में खेत की फसल काटने से पूर्व महिषासुर (भैंसासुर) को पूजा जाता है। महिषासुर देव को आदिवासी समाज ही नहीं अपितू अन्य समाज के लोग भी अनदाता के रूप में पूजते है, परंतु अभी वर्तमान परिदृश्य में हमारे आदिवासी देवो को गलत तरीके से प्रस्तुत करके उन्हें अपमानित किया जा रहा है जो हमारे धार्मिक आस्था को अपमानित किया जा रहा है,और हमारा समाज इन अलगाववादी विचारों का विरोध करता है।
राजेश कुमार धुर्वे ने कहा की आदिवासी समाज को शिक्षा,रोजगार व विकास के पथ पर लाना है तो समाज के ही अन्य अलगाववादी विभीषणों से बचने की आवश्यकता है, ताकि समाज को गलत रास्ते में जाने से रोका जा सकता है। ज्ञान सिंह परते ने कहा की आदिवासी संगठनों के द्वारा आदिवासी समाज को विकास के मुख्यधारा में जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है और उन्हें उनके संवैधानिक हक,अधिकारों की जानकारी दी जा रही है।और उन्हें संविधान का अध्यन करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। आदिवासी समाज व संघठनों द्वारा अपने संवैधानिक हक़-अधिकार,भाषा,संस्कृति व सामाजिक रुढ़ीप्रथा की बात या हक़ मांगने की बात की जाती है तो अन्य गैर आदिवासी संगठनो द्वारा व अन्य लोगो के द्वारा आदिवासियों को विकास की मुख्य धारा से भटकाने के लिए इन संगठनो को कभी आलगाववाद संगठन कहना संवैधानिक अधिकारो का विरोध करना व भारत सरकार द्वारा प्रदत्त संविधान का उल्लंघन है, और संविधान का उल्लंघन करना राष्ट्रद्रोह है। और इस प्रकार से सामाजिक संगठनो को आसंवैधानिक शब्दों द्वारा आरोपित करना देश में आतंकवाद फैलाने जैसा हे। गोष्ठी में मुख्य रूप से दिलीप धुर्वे, ज्ञान सिंह परते, राजेश कुमार धुर्वे, मनीष धुर्वे, राहुल मर्सकोले, राजकुमार ककोडिया, गुरु सिरसाम, राजू ककोडिया, जीतेन्द्र इवने, प्रधुमन उइके आदि आधा सैकड़ा लोग उपस्तिथ थे।