बैतूल। नाहरपुर ताप्ती घाट भीमपुर ब्लॉक आदिवासी समाज द्वारा सविधान के संवैद्यानिक अधिकारो जैसे शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण के विषय में ग्राम सभा के सदस्यों के साथ उक्त विषय पर विचार -विमर्श किया गया। संगोष्ठी में युवा आदिवासी विकास संगठन के उपाध्यक्ष ज्ञानसिंह परते ने कहा की ग्राम सभाओ को दृढ़ता से मजबूत करने के लिए सविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारो की जानकारी रखना बहुत आवश्यक हे जिससे हमारे अधिकारो का हनन नही होगा। राजू सिंह वरकडे ने कहा की शिक्षा वो शेरनी का दूध हे, जो जितना पिएगा उतना धहाड़ेगा। सागर उइके ने कहा की आदिवासी संस्कृति के पहरेदार है, और हम समस्त आदिवासी भाइयो को हमारी संस्कृति सभ्यता को संरक्षण प्रदान करते रहेंगे। शम्भू धुर्वे ने कहा की हम आदिवासी समुदाय प्रकृति के पूजक हे, हमारे गोत्र और देव भी प्रकृति के अनुरूप ही होते है, और प्रकृति का संरक्षण करना हमारा धर्म है।
मनीष वट्टी व सुनील करोचे ने कहा की हमारे समुदाय में दिन-प्रतिदिन बेरोजगारी व पलायन में वृद्धि हो रही है, इस ओर शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षित करते हुए हमारे समुदाय को छोटे -मोटे उद्योग धंधे स्थापित करने की आवश्यकता है। राजेश कुमार धुर्वे ने कहा की ग्लोबल वार्मिंग बढ़ते जा रही हे और पर्यावरण प्रदुषण दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा हे। वनो की अन्धाधुन्ध कटाई हो रही हे जिससे वायु प्रदुषण बढ़ते जा रहा है और सरकार के माध्यम से भी विभिन्न योजनाओ के तहत जल सफाई में अरबो रूपये खर्च किए जा रहे हे परन्तु नदियो की सफाई अ’छी तरह से नही हो पा रही हे। और समस्त जिले के जनता को सन्देश दिया गया है की वर्तमान समय में जल प्रदूषण और पर्याप्त मात्रा में वर्षा नही हो पाई है, इसलिए अपशिष्ट पदार्थो को नदियो में विसर्जित ना कर एक निश्चित स्थान पर भूमिगत कर दिया जाए और उसी भूमि पर एक फलदार वृक्ष लगा दिया जाये। इस प्रकार से जल प्रदुषित नही होगा। इस मौके पर शंकर चौहान, नीरज ककोडिया, सुनील करोचे, ज्ञान सिंह परते, राजू सिंह वरकडे, लोकेश इरपाचे, धन्नू सिंह धुर्वे, उमेश इवने, मंगल सिंह, राम सिंह, सुखदेव, द्वाराकानाथ, गुलाब डिकारे, सुन्दर लाल पांसे, मदन परते, राम प्रसाद इरपचे, सागर धुर्वे, श्यामू सेलुकर, लालाजी बारस्कर, सतीश, बसंत उइके, फुलेसिंह आदि उपस्थित थे