बैतूल। बैतूल के राजेन्द्र वार्ड निवासी युधिष्ठिर शर्मा उर्फ काले महाराज ने संसद पर हमले के तत्काल बाद संकल्प लिया था कि इस हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरू को जब तक फंासी नहीं होती वे अपने सिर के बाल और दाड़ी नहीं बनाएंगे। फांसी की प्रतिक्षा में युधिष्ठिर शर्मा ने बाल-दाड़ी 12 वर्ष तक बढाते रहे, यहां तक की उनके बाल चार फिट तक बढ़ गए । शर्मा द्वारा भारत माता की आरती के बाद खेड़ीसांवलीगढ ताप्ती में बाल और दाड़ी बनावाई गई। युधिष्ठिर शर्मा उर्फ काले महाराज शुरू से ही अध्यात्म और धर्म में गहरी रूची रखते हैं,वे छह बार पैदल तीर्थ यात्रा भी कर चुके हैं। इस अवसर पर युधिष्ठिर शर्मा ने कहा मुझे देश की न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा था कि एक ना एक दिन संसद पर हमले के गुनाहगारों को फांसी जरूर होगी। उल्लेखनीय है कि 9 फरवरी को अफजल की फांसी के दौरान युधिष्ठर शर्मा कुंभ मेले में स्नान करने इलाहबाद में मौजूद थे इस वजह से वे अपने बाल नहीं उतरवा पाए। इस अवसर पर प्रमुख रूप से केन्डु बाबा, कैलाश सिंह चौहान, सोहन राठौर, बंटी धुर्वे, वासूदेव मगरदे, भूपेन्द्र पवांर,चैतराम पाटिल, सुरेश सावनेर, सुरेश राठौर, संतोष साहू, निलेश गुप्ता, रामदास पाटील, पक्कू वाडीवा, अनिल पांडे, सांरग चौहान, भूरा पंडित, जगन साहू, गोलू पाटिल, कन्हैया राठौर, संजय पारवानी, मदन साहू, संजय शेषकर, दीपक मालवी, लखन, हितेश पटेल आदि उपस्थित थे।
कौन था अफजल गुरू
सन् 2001 में मोहम्मद अफज़ल गुरु गुरू भारतीय संसद पर हूए आतंकवादी हमले का दोषी है। 13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैय्यबा नामक आतंकवादी गुटों के पाँच आतंकवादियों ने देश की संसद पर आतंकी हमला कर दिया था। इस हमले में संसद की सुरक्षा में मौजूद दिल्ली पुलिस के पाँच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और दो सुरक्षा गार्ड शहीद हो गए थे। बाद में इन सभी आतंकवादियों को सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराया गया था। जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी अफज़ल गुरु इस मामले का मास्टर माइंड था जिसे पहले दिल्ली हाइकोर्ट द्वारा साल 2002 में और फिर उच्चतम न्यायालय द्वारा 2006 में फांसी की सज़ा सुनाई गई थी। उच्चतम न्यायालय द्वारा भी फांसी सुनाए जाने के बाद गुरु ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका रखी थी, जिसे हाल ही में महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने खारिज कर दिया था और 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी मोहम्मद अफज़ल गुरु को 9 फरवरी 2013 को सुबह दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया।