बैतूल। ग्राम भोगीतेढ़ा में शरद पूर्णिमा से प्रारंभ रामधुन का समापन कल 2 नवम्बर को भंडारा व प्रसादी के साथ शाम 7 बजे होगा। इस अवसर पर कमल सिंह चंदेल ने बताया कि ग्राम भोगीतेढ़ा में विगत 40 वर्षो से चली आ रही, रामधुन की शुरूआत संत श्री मद्रासी बाबा ने की थी उन्होने कल्प वृक्ष को यहां भक्तों के लिए छोड़ गए थे। शिवपाल गोचरे ने बताया कि हर वर्ष शरद पूर्णिमा कार्तिक मास प्रारंभ से लेकर पूरे कार्तिक मास भर सभी ग्राम वासी द्वारा प्रात:काल चार बजे उठकर अपने घरों के सामने रंगोली से चौक पूरा जाता है एवं उस पर दीपक जलाकर पूरे गांव में प्रभात फेरी निकाली जाती है। जिसमें ग्राम के सभी बूजुर्ग एवं महिलाएं भी ब्रह्म मूहुर्त में उठकर हरे राम हरे कृष्णा के जयकारों के साथ हाथ में दीपक, आरती, शंख घडिय़ाल घंटी की ताल पर निकाली जाती है। रघुनाथ पठाड़े ने सभी से उपस्थित होने की अपील की है।
रामधुन कार्यक्रम को सफल बनाने में रमेश रावत, सुरेन्द्र सिंह चंदेल, हरिराम पुंडे, मदन महाजन, दूलीचंद ठाकरे, बारक्या इंगरे, अशोक पठाड़े, जितेन्द्र सिंह चंदेल, अनिल सिंह, मारोती मतलाने, कृष्णा पंवार, पुरूषोत्तम पठाड़े, नारायण पठाड़े, बलराम पठाड़े, शिकारे इंगरे, गुलाब कारे, कमलेश पुंडे, रामकिशोर पुंडे, विपिन सिंह, दिनेश सिसोदिया, ह्रदयलाल, श्याम चंदेल, राहुल ठाकरे का सराहनीय योगदान रहा।